जम्मू, 25 दिसंबर . पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके योगदान और उनकी उपलब्धियों को याद करने के लिए जम्मू के अटल चौक पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया. इस दौरान के साथ बातचीत करते हुए नेताओं ने देश की प्रगति में अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को भी याद किया.
भारतीय जनता पार्टी के जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष सतपाल शर्मा ने कहा, “आज पूरा देश इस महान व्यक्तित्व को याद कर रहा है और उनके जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मना रहा है. जम्मू के पार्टी के कार्यकर्ताओं और विधायकों के साथ मुझे भी इस कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला. उनके कार्यकाल में हमने कारगिल युद्ध में विजय सहित अन्य उपलब्धियां देखीं.”
शिवसेना (उद्धव )के नेता संजय राउत द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी को पंडित नेहरू के सिद्धांतों पर चलने और उनके समक्ष रखने की बात कहने पर सतपाल शर्मा ने कहा, “वह एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने ‘अटल गो बैक’ जैसे नारे और अन्य चुनौतियों का सामना करते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ परमिट लेकर जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया था. क्या आपको लगता है कि ऐसी महान शख्सियत किसी समक्ष झुकेगी? वह 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे और तब से संगठन के लिए काम कर रहे थे. उन्होंने भारतीय जनसंघ को आकार देने में अहम भूमिका निभाई. अगर आज भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, तो यह उनके प्रयासों की वजह से है. आरएसएस हमें केवल अपने साथियों के सामने झुकना सिखाता है, बाहरी लोगों के सामने कभी नहीं.”
इस दौरान सांसद जुगल किशोर शर्मा ने के साथ बातचीत करते हुए संजय राउत के बयान पर कहा, “आज हमारे पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती है. हम सभी जानते हैं कि इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है. विभिन्न स्थानों पर उनके जीवन पर प्रदर्शनियां लगाई गई हैं. अटल चौक पर भी हमने उनके सम्मान में एक कार्यक्रम और प्रदर्शनी का आयोजन किया है. हम अटल जी के दिखाए रास्ते पर चलते रहेंगे. इस अवसर पर मैं किसी की आलोचना नहीं करना चाहता. वर्तमान प्रधानमंत्री अटल जी के विजन से प्रेरित हैं और उन्हीं की प्रेरणा से कार्य कर रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री की उपलब्धियों को पूरी दुनिया मानती है. इसलिए मुझे इस पर और टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है.”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने कहा, “नेहरू के सिद्धांत विभाजनकारी थे और हम ऐसे विचारों में कभी विश्वास नहीं करते थे. संजय राउत जानबूझकर ऐसे बयान दे रहे हैं. हमारी विचारधारा पूरी तरह से अलग है.”
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