गांदरबल , 1 जून . पवित्र वार्षिक माता खीर भवानी मेला नजदीक आने के साथ ही पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले से विचलित हुए बिना बड़ी संख्या में तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में पहुंचने लगे हैं.
भारतीय सशस्त्र बलों में अटूट आस्था के साथ, भक्तगण विशेष रूप से कश्मीरी पंडित समुदाय 3 जून को तुल्लामुल्ला के ऐतिहासिक रागन्या देवी मंदिर में अपने सबसे प्रतिष्ठित त्योहारों में से एक को मनाने की तैयारी कर रहे हैं.
मेले में भारत और विदेश से श्रद्धालु आने से देवी दुर्गा के अवतार, देवी राज्ञ देवी को समर्पित यह मंदिर प्रत्येक वर्ष धार्मिक उत्साह का केंद्र बिंदु बन जाता है.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना के बाद बढ़े तनाव के बावजूद तीर्थयात्रियों का उत्साह बरकरार है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है. अधिकारियों ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए पेयजल आपूर्ति और आवश्यक सुविधाओं सहित सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं.
साल 1990 के पलायन के दौरान विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों ने कहा कि उनकी भक्ति पहले से कहीं अधिक मजबूत बनी हुई है. उन्होंने पहलगाम हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करने के लिए भारत सरकार और सशस्त्र बलों की सराहना की और इसे पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का करारा जवाब बताया.
चंडीगढ़ से आए एक तीर्थयात्री ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “आतंकवादियों ने डर फैलाने की कोशिश की, लेकिन हमारी श्रद्धा और बढ़ गई है. वे पर्यटन को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन कश्मीर भारत का हिस्सा है. हम यहां आते रहेंगे. कोई हमें डरा नहीं सकता.”
एक अन्य श्रद्धालु सुनीता, जो 1990 के दशक में दिल्ली आ गई थीं, ने पहली बार मंदिर में लौटने पर गहरी भावनात्मक अनुभूति व्यक्त की.
उन्होंने से कहा, “आतंकवादी हमले के बाद भी हम डरे नहीं हैं. माता खीर भवानी ने हमें बुलाया है. हम उनकी वजह से और प्रधानमंत्री मोदी की वजह से यहां हैं. यह सब उन्हीं की वजह से संभव हुआ है.”
एक अन्य तीर्थयात्री उमर रैना ने कहा, “हम केवल यही प्रार्थना करते हैं कि कश्मीरी पंडित अपनी मातृभूमि पर वापस आ सकें. हम चाहते हैं कि कश्मीर में शांति बनी रहे और वे अपने घरों को लौट सकें.”
इसी तरह की भावनाओं को साझा करते हुए मेले में नियमित रूप से आने वाली श्रृति धर ने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों ने हमेशा हमारी रक्षा की है. हमें उन पर गर्व है. इस वर्ष की व्यवस्थाएं वास्तव में अच्छी हैं. हमने बचपन से ही हिंसा देखी है, और भारतीय सशस्त्र बल हमेशा हमारी ढाल रहे हैं.”
इस बीच, जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजीपी, डीसी जम्मू सचिन और राहत आयुक्त अरविंद सहित शीर्ष अधिकारियों ने जम्मू में माता खीर भवानी यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
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एएसएच/एएस