बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं : धार्मिक सलाहकार

ढाका, 7 सितंबर . बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के सलाहकार अबुल फैज़ मुहम्मद खालिद हुसैन ने शनिवार को एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है.

पद्मा नदी के उत्तरी तट पर राजशाही में इस्लामिक फाउंडेशन का दौरा करने के बाद स्थानीय मीडिया ने हुसैन के हवाले से कहा, “अंतरिम सरकार विवाद पैदा करने के लिए कुछ नहीं करेगी, हम सभी के सहयोग से एक सुंदर बांग्लादेश का निर्माण करना चाहते हैं.”

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले- विशेष रूप से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को निशाना बनाने वाले हमले अभी भी जारी हैं, हुसैन ने आश्वासन दिया कि जो लोग ऐसे ‘जघन्य कृत्यों’ के लिए दोषी पाए जाएंगे, उन्हें मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा दंडित किया जाएगा.

“जो लोग पूजा स्थलों पर हमला करते हैं, वे मानवता के दुश्मन हैं. वे अपराधी हैं, और उन पर मौजूदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.”

उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी दुर्गा पूजा समारोह के दौरान, किसी भी प्रकार के हमले या तोड़फोड़ को रोकने के लिए मदरसे के छात्रों के साथ-साथ स्थानीय नागरिक मंदिरों की सुरक्षा में शामिल होंगे.

देश के प्रमुख दैनिक अखबार ‘द डेली स्टार’ ने शनिवार को हुसैन के हवाले से कहा, “मदरसे के छात्र कभी भी आतंकवाद में शामिल नहीं थे, यह पिछली सरकार का दुष्प्रचार और साजिश थी.”

सलाहकार ने आगे कहा कि सरकार बदलने के बाद जिस तरह कुछ हिंदू समुदाय के लोगों के घरों पर हमले हुए हैं, उसी तरह मुसलमानों के घरों पर भी हमले हुए हैं. इसे अलग से देखने की कोई गुंजाइश नहीं है. यह सरकार सभी के लिए एक है और सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

पिछले महीने, के साथ एक विशेष साक्षात्कार में हुसैन ने भारत को बांग्लादेश का ‘सबसे अच्छा पड़ोसी’ कहा था – जिसने देश को स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई घटनाओं में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का काम शुरू हो गया है. 5 अगस्त को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और बर्बरता की घटनाएं सामने आई थी.

हुसैन ने से कहा, “भारत हमारा पड़ोसी देश है और हम भारत की सद्भावना के साथ अपने देश में शांति बनाए रखना चाहते हैं. बड़े प्रयासों के बाद हमने अपना देश वापस पाया और बांग्लादेश की मुक्ति के दौरान सभी धर्मों के लोगों ने बलिदान दिया और आंदोलन में अपना खून बहाया. हम इसे बर्बाद नहीं होने दे सकते. यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है और हमें इस भावना का पोषण करना होगा और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करना होगा.”

हालांकि, यूनुस सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के बावजूद, बांग्लादेश में हिंदुओं पर रोजाना हमले की खबरें आ रही हैं क्योंकि कट्टरपंथी इस्लामी समूह अपनी विचारधारा फैला रहे हैं.

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