नई दिल्ली, 1 अप्रैल . म्यांमार के मांडले क्षेत्र में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद भारत पड़ोसी मुल्क की मदद करने की हर संभव कोशिश कर रहा है. भारतीय सेना ने दृढ़ संकल्प के साथ अपने संसाधनों को जुटाया और प्रभावित समुदायों को तत्काल मदद प्रदान की.
‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भारतीय सेना ने शत्रुजीत ब्रिगेड की 118 सदस्यीय विशिष्ट टीम को तैनात किया, जिसे ‘एयरबोर्न एंजेल्स’ के नाम से जाना जाता है.
दो शक्तिशाली ‘आईएएफ-सी 17’ विमानों द्वारा एयरलिफ्ट किए जाने के बाद, उन्होंने मांडले में 200 बिस्तरों वाला एक फील्ड अस्पताल स्थापित किया. यह अस्पताल गंभीर सर्जरी और गहन इन-पेशेंट देखभाल की क्षमता से लैस है.
मांडले के मुख्यमंत्री म्यो आंग ने अस्पताल का दौरा किया. भारतीय सेना ने मंगलवार को कुछ तस्वीरों के साथ इसे एक्स पर साझा किया.
‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है)’ की स्थायी भावना को प्रतिध्वनित करता है.
भारतीय नौसेना की प्रतिक्रिया समान रूप से तेज और प्रभावशाली थी. आईएनएस करमुक और लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (एलसीयू) 52, 30 मार्च को श्री विजयपुरम से रवाना हुए, जिसमें लगभग 30 टन आवश्यक राहत सामग्री थी जिसे लेकर वे यांगून पहुंचे.
इसके ठीक बाद, आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री लगभग 40 टन राहत सामग्री लेकर 31 मार्च को यांगून पहुंचे.
अब, घड़ियाल को चावल, खाद्य तेल और दवाओं सहित 440 टन महत्वपूर्ण आपूर्ति के साथ लोड किया जा रहा है, जो भारत की मानवीय सहायता को और बढ़ाएगा.
म्यांमार के मांडले क्षेत्र में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके कुछ ही मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका आया, जिससे देश में बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ. म्यांमार के साथ ही थाईलैंड में भूकंप ने तबाही मचाई. झटके चीन, बांग्लादेश और भारत में महसूस किए गए.
म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद सूचना टीम के अनुसार, 2,000 से अधिक लोगों की जान चली गई है, लगभग 3,900 लोग घायल हो गए और 270 लोग लापता हो गए.
म्यांमार के साथ ही थाइलैंड में भी जान-माल की हानि हुई है.
–
एमके/