नई दिल्ली, 26 नवंबर . सरकार द्वारा 2022 से पहले जारी स्पेक्ट्रम पर बैंक गारंटी छूट के फैसले का इंडस्ट्री द्वारा स्वागत किया गया. इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि इस फैसले से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बल मिलेगा.
इस निर्णय से प्रमुख दूरसंचार कंपनियों, विशेष रूप से वोडाफोन आइडिया को महत्वपूर्ण राहत मिलने की उम्मीद है, कंपनी पर सामूहिक रूप से 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक गारंटी बकाया है.
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक,लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एसपी कोचर ने कहा, “हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के कदम का स्वागत करते हैं और 2022 से पहले खरीदे गए स्पेक्ट्रम पर दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए बैंक गारंटी की छूट को मंजूरी देने पर सरकार को धन्यवाद देते हैं. यह ऐतिहासिक निर्णय देश में दूरसंचार ऑपरेटरों पर वित्तीय बोझ को कम करने में काफी मदद करेगा.”
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने उद्योग जगत की राहत की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए पहले इस कदम का प्रस्ताव रखा था. टेलीकॉम कंपनियों ने डीओटी को पत्र लिखकर 2022 से पहले स्पेक्ट्रम अधिग्रहण के लिए बैंक गारंटी आवश्यकताओं को हटाने का आग्रह किया था.
यह निर्णय 2021 के कैबिनेट सुधारों पर आधारित है, जिसने संभावित रूप से प्राप्त स्पेक्ट्रम पर बैंक गारंटी की आवश्यकता को माफ कर दिया गया था.
सीओएआई ने कहा, “हम निर्णय का विस्तार से अध्ययन कर रहे हैं और इसके बाद ही अधिक ठोस दृष्टिकोण रखने में सक्षम होंगे, लेकिन यह कदम सकारात्मक है. इससे नकदी प्रवाह बढ़ेगा और नेटवर्क विस्तार एवं टेक्नोलॉजी अपग्रेड में अधिक पूंजी निवेश होगा. यह सुनिश्चित करेगा भविष्य में दूरसंचार नेटवर्क का मजबूत हो.
वोडाफोन आइडिया द्वारा कुल लगभग 24,600 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करने की संभावना है. मंगलवार को इसका शेयर 9 फीसद से ज्यादा चढ़कर 7.61 रुपये पर बंद हुआ.
सितंबर 2021 के दूरसंचार सुधारों ने दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम भुगतान और समायोजित सकल राजस्व बकाया पर चार साल की मोहलत प्रदान की थी.
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ने भी टेलीकॉम स्पेक्ट्रम के लिए बैंक गारंटी माफ करने के कैबिनेट के रणनीतिक कदम की सराहना की.
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) के महानिदेशक, मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह छूट 2022 से पहले किए गए स्पेक्ट्रम अधिग्रहण के लिए हैं, जो कि 2021 में शुरू किए गए दूरदर्शी सुधारों पर आधारित है.
सिंह ने आगे कहा कि बैंक गारंटी आवश्यकताओं को हटाकर सरकार ने एक अधिक लचीला वित्तीय वातावरण बनाया है, जो दूरसंचार ऑपरेटरों को अपने पूंजी आवंटन को अनुकूलित करने, तरलता बढ़ाने और बुनियादी ढांचे के निवेश में तेजी लाने में सक्षम करेगा. यह निर्णय वोडाफोन आइडिया जैसे ऑपरेटरों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो जटिल वित्तीय चुनौतियों से निपट रहे हैं.
टेलीकॉम ऑपरेटरों को आमतौर पर स्पेक्ट्रम नीलामी मूल्य का 3-5 प्रतिशत गारंटी के रूप में रखना होता है, जो सैकड़ों करोड़ रुपये के रूप में होता है.
–
एबीएस /