नई दिल्ली, 19 जनवरी . भाजपा की राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए आरजी कर हत्याकांड के आरोपी संजय रॉय को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी.
रेखा शर्मा ने कहा कि आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. इस तरह के मामलों में सजा का प्रावधान सख्त होना चाहिए, ताकि समाज में इस तरह के अपराधों पर काबू पाया जा सके. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई को तेज किया जाना चाहिए और इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाया जाना चाहिए. इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनका नाम अभी सामने नहीं आया है, यह जांच की जानी चाहिए.
अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में गिरफ्तार आरोपी को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या पूरे देश के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी है और यह समस्या हर राज्य में फैल चुकी है. बांग्लादेशी घुसपैठियों के नेटवर्क की गहन जांच होनी चाहिए, ताकि देश की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.
रेखा शर्मा ने महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक भागीदारी पर कहा कि राजनीतिक दल जो महिलाओं को दे रहे हैं, वह महज एक छोटा हिस्सा है. लेकिन भाजपा ने जो वादा किया, उसे पूरी तरह से निभाया है. जहां-जहां बीजेपी ने महिलाओं को लाभ देने का वादा किया, वहां उन्हें लाभ मिला है. राजधानी दिल्ली की महिलाओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अब दिल्ली की बारी है. मैं दिल्ली की महिलाओं से अपील करती हूं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दें, ताकि दिल्ली की महिलाओं को भी अन्य राज्यों की महिलाओं की तरह लाभ मिल सके.
रेखा शर्मा ने फरीदाबाद की घटना को लेकर पुलिस की कार्यशैली की सराहना की, जिसमें पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. उन्होंने यूपी और दिल्ली पुलिस से भी अपील की कि वह महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में तुरंत कार्रवाई करें और दोषियों को जल्द सजा दिलवाएं.
दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन राज्यों में घुसपैठियों के वोट बनाए जाते हैं, जो चुनावों में धांधली का कारण बनते हैं. ऐसी सरकार घुसपैठियों के वोटों से चुनाव जीतती हैं और यह एक बड़ी समस्या है. उन्होंने इन अवैध वोटों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता बताई.
मोदी सरकार द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं को सिर्फ पैसे की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें नीति और योजनाओं के जरिए मजबूत बनाना जरूरी है. प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा महिला सशक्तिकरण की बात की है, चाहे वह आर्थिक हो या राजनीतिक. 33 प्रतिशत आरक्षण की योजना के तहत महिलाओं को पॉलिसी मेकिंग में शामिल करने का जो वादा किया गया था, वह मोदी सरकार ने निभाया. महिलाओं के लिए जो योजनाएं और स्कीम बनाई जा रही हैं, वह दीर्घकालिक बदलाव लाने वाली हैं. “महिलाओं के लिए घर, गैस, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का उपलब्ध कराना मोदी सरकार की पहल का हिस्सा है.
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