काहिरा, 27 अक्टूबर . ईरान पर इजरायली सैन्य हमलों की मध्य-पूर्व के देशों ने निंदा की. उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता पर इसके प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इजरायली हमला अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और ईरान की संप्रभुता पर अतिक्रमण है. इससे क्षेत्र में और अधिक तनाव पैदा होगा.
मंत्रालय के प्रवक्ता सुफियान कुदाह ने क्षेत्र में खतरा बढ़ने और अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन पर जॉर्डन की चिंंता प्रकट करते हुए क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले व्यापक संघर्ष में फंसने के खिलाफ चेतावनी दी.
कुदाह ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से जिम्मेदारी लेने और गाजा पट्टी, पश्चिमी तट और लेबनान पर इजरायली आक्रमण को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया.
इस बीच, कुवैत ने इजरायली हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह ‘देशों की संप्रभुता का उल्लंघन कर, क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालकर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों और मानदंडों को तोड़कर इजरायल ने अराजकता का उदाहरण पेश किया है.’
ओमान के विदेश मंत्रालय ने भी इजरायली हमले की निंदा करते हुए कहा कि इजरायली कृत्य ईरान की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है. यह हिंसा को बढ़ावा देता है, इससे क्षेत्र में और अस्थिरता पैदा हो सकती है.
इसी चिंता को दोहराते हुए, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रालय ने सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने और पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए काम करने का आग्रह किया.
मंत्रालय ने टकरावों से बचने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता देने की बात की.
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