लखनऊ, 18 जुलाई . यूपी में कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन की ओर से एक फरमान जारी किया गया, जिस पर घमासान जारी है. रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने इसे संविधान के खिलाफ बताया है.
दरअसल, कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले दुकानदारों को अपने दुकान पर मालिक या काम करने वाले का नाम लिखने का फरमान जारी किया गया है. प्रशासन के इस फरमान पर रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि ऐसे कदम से लोगों में आपसी सौहार्द बिगड़ेगा. संविधान में कहा गया है कि इक्वालिटी और भाईचारा होना चाहिए, भेदभाव नहीं. अधिकारी भी संविधान की शपथ लेते हैं कि वह किसी के साथ भेदभाव नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा कि इस आदेश का मकसद असल मुद्दों से अवाम को भटकाना है. किसानों, नौजवानों के मुद्दे से अवाम का ध्यान भटकाना इनका मकसद है. यह फरमान देश के संविधान के खिलाफ है.
समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने कहा कि यह समाज को बांटने की साजिश है. ऐसा ही एक ट्रेंड जर्मनी में चला था जिसमें एक कम्युनिटी को बॉयकॉट करने का संदेश था. हमें ऐसा लगता है कि हिंदू-मुसलमान कर भाजपा सरकार समाज को बांटना चाहती है. इस तरह का फरमान जारी कर एक संदेश दिया जा रहा है कि मुसलमानों की दुकान से कुछ भी खरीदना बंद कर दें.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांवड़ यात्रा के रूट पर फल-सब्ज़ी विक्रेताओं व रेस्टोरेंट ढाबा मालिकों को बोर्ड पर अपना नाम लिखना होगा. इसके पीछे की मंशा बड़ी स्पष्ट है, हिंदू कौन और मुसलमान कौन? हो सकता है कि इसमें जाति भी हो. यूपी सरकार ने जो आदेश जारी किया है, इसके पीछे मंशा है कि कैसे मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार का सामान्यीकरण करना है. इस मंशा को हम कामयाब नहीं होने देंगे. चाहे वो हिंदू या फिर मुसलमानों के लिए करें.
–
पीएसके/