New Delhi, 27 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण में देश के ऐतिहासिक किलों को India की समृद्ध विरासत का प्रतीक बताया. Prime Minister ने सांस्कृतिक धरोहर पर चर्चा की. उन्होंने चित्तौड़गढ़, कालिंजर, और अन्य किलों का जिक्र करते हुए कहा कि ये सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, बल्कि हमारे स्वाभिमान और संस्कृति की कहानियां हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “देश के किले आक्रमणों और मौसम की मार झेलकर भी अडिग रहे. Rajasthan के चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर, आमेर और जैसलमेर किले विश्व प्रसिद्ध हैं. कर्नाटक का गुलबर्गा और चित्रदुर्ग किला भी अपनी विशालता से आश्चर्यचकित करते हैं. ये देखकर मन में सवाल उठता है कि उस दौर में इतने भव्य किले कैसे बने होंगे?”
उन्होंने उत्तर प्रदेश के बांदा में स्थित कालिंजर किले का उल्लेख किया, जिस पर महमूद गजनवी ने कई बार आक्रमण किए, लेकिन हर बार असफल रहा. उन्होंने बुंदेलखंड के ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार और चंदेरी किलों की भी चर्चा की.
पीएम ने बताया कि यूनेस्को ने 12 मराठा किलों को विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी है. इनमें से 11 किले Maharashtra में और एक किला तमिलनाडु में है. हर किले से इतिहास का एक-एक पन्ना जुड़ा है. हर पत्थर, एक ऐतिहासिक घटना का गवाह है.
Prime Minister ने आगे कहा, “प्रतापगढ़ किला, जहां शिवाजी महाराज ने अफजल खान को हराया, आज भी उनकी वीरता की गूंज सुनाई देती है. विजयदुर्ग किला, जिसमें गुप्त सुरंगें थीं, उनकी दूरदर्शिता का प्रतीक है.”
पीएम ने अपने रायगढ़ दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि वहां शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने नतमस्तक होना उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव था. पीएम बोले, ” कुछ साल पहले मैं रायगढ़ गया था. छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने नतमस्तक हुआ था. यह अनुभव जीवन भर मेरे साथ रहेगा.“
उन्होंने आगे बताया, “सल्हेर का किला, जहां मुगलों की हार हुई. शिवनेरी, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ. किला ऐसा जिसे दुश्मन भेद न सके. खानदेरी का किला, समुद्र के बीच बना अद्भुत किला. दुश्मन उन्हें रोकना चाहते थे, लेकिन शिवाजी महाराज ने असंभव को संभव करके दिखा दिया.”
उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इन किलों को देखें, उनके इतिहास को जानें और अपनी विरासत पर गर्व करें. ये किले न केवल India के गौरवशाली अतीत को दिखाते हैं, बल्कि स्वाभिमान और संस्कृति की कहानियां भी बयां करते हैं. पीएम ने कहा, “ये किले हमारी धरोहर हैं, जिनकी दीवारों से आज भी साहस और गर्व की गूंज सुनाई देती है.”
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एमटी/केआर