नई दिल्ली, 22 जून . नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना में साल 2023-24 में रिकॉर्ड 1.22 करोड़ नए लोगों ने खाता खुलवाया है. सरकार के द्वारा शुरू की गई इस सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत अभी तक अटल पेंशन योजना के साथ जुड़े खाताधारकों की संख्या 6.62 करोड़ हो गई है.
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड अथॉरिटी की तरफ से जुटाए गए आंकड़ों से इस बात का खुलासा हुआ है.
अटल पेंशन योजना को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं उसके अनुसार इस योजना में कुल खाताधारकों में 70.44 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा, 19.80 प्रतिशत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा, 6.18 प्रतिशत निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा, 0.37 प्रतिशत भुगतान बैंकों द्वारा, 0.62 प्रतिशत स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा और 2.39 प्रतिशत का खाता सहकारी बैंकों का है.
बता दें कि अटल पेंशन योजना को देखें तो वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में सकल नामांकन में 24 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है, यह 6.44 करोड़ पर पहुंच गई है.
पीएफआरडीए के अध्यक्ष दीपक मोहंती की मानें तो अटल पेंशन योजना महिलाओं और युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है.
इस वित्त वर्ष में इसमें जितने नामांकन हुए हैं उसमें से 52 प्रतिशत महिलाएं थीं. इस योजना की शुरुआत से अब तक देखें तो जितने नामांकन हुए हैं उसमें से 70 प्रतिशत ग्राहक 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के हैं.
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा नामांकन इस योजना के तहत हुआ है जो 1 करोड़ से अधिक है. इसके बाद बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु आते हैं जहां 50-50 लाख नामांकन हुआ है. मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में इस योजना से 30-30 लाख से अधिक लोग जुड़े हैं. वहीं गुजरात, ओडिशा, झारखंड जैसे राज्यों से इस योजना से 20-20 लाख लोग जुड़े हैं. इन्हीं 12 राज्यों से 80 प्रतिशत से अधिक नामांकन इस योजना में हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से प्रत्येक व्यक्ति को जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. पीएफआरडीए ने भी देशभर के सभी एसएलबीसी (राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति) और आरआरबी के साथ मिलकर आउटरीच कार्यक्रम शुरू किए हैं. चालू वित्त वर्ष में ऐसे और भी अभियान चलाने की योजना है.
इस योजना के साथ और अधिक लोगों को जोड़ने के लिए पीएफआरडीए का लक्ष्य जन धन खाताधारकों तक पहुंच बनाना, अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और एजेंसियों को शामिल करते हुए युवा आबादी को इससे जोड़ना और नामांकन के डिजिटल मोड को बढ़ावा देना है.
–
जीकेटी/