मुंबई, 29 अप्रैल . भारतीय रिजर्व बैंक ने मई में कुल 1.25 लाख करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड खरीदकर बैंकिंग सिस्टम में अधिक नकदी डालने का फैसला किया है.
इस कदम से बॉन्ड की कीमतों में भी तेजी आने की उम्मीद है, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद पैदा हुई अनिश्चितता के बाद विदेशी बैंकों और प्राथमिक डीलरों की बिकवाली के कारण गिर गई थी.
सरकारी बॉन्ड खरीदने के लिए आरबीआई का ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) 6 से 19 मई के बीच चार चरणों में होगा.
आरबीआई के बयान के अनुसार, मौजूदा और नकदी स्थितियों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया.
यह कदम आरबीआई के 1 अप्रैल को 80,000 करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड खरीदने की घोषणा के तुरंत बाद उठाया गया है, जिसके बाद 11 अप्रैल को 40,000 करोड़ रुपए की एक और खरीद की घोषणा की गई.
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि केंद्रीय बैंक लिक्विडिटी और बाजार स्थितियों की निगरानी करना जारी रखेगा और व्यवस्थित लिक्विडिटी की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा.
‘बॉन्ड की खरीद’ आरबीआई द्वारा सिस्टम में नकदी डालने के लिए हाल ही में उठाए गए कदमों के क्रम में की गई है.
मार्च में बैंक ने 50,000-50,000 करोड़ रुपए की दो किस्तों में 1 लाख करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों की ओएमओ खरीद की थी.
केंद्रीय बैंक ने 36 महीनों के लिए 10 बिलियन डॉलर की डॉलर-रुपया खरीद/बिक्री स्वैप नीलामी भी आयोजित की.
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने बेंचमार्क रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर और अपने तटस्थ रुख को बदलकर अकोमोडेटिव बनाकर उधार लेने की लागत कम कर दी.
मुद्रास्फीति की दर में कमी आने के कारण आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘सॉफ्ट मनी पॉलिसी’ के हिस्से के रूप में ये कदम उठाए गए.
वित्तीय विश्लेषकों के अनुसार, ताजा नकदी प्रवाह से नए बेंचमार्क बॉन्ड के लिए बेहतर कीमत मिलने की भी उम्मीद है, जिसकी नीलामी 2 मई को होगी.
पुराने बेंचमार्क बॉन्ड द्वारा 1.84 लाख करोड़ रुपए की बकाया राशि पूरी होने के बाद आरबीआई ने नए बॉन्ड की घोषणा की.
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एसकेटी/एबीएम