मुंबई, 3 मई . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सेटअप एक वर्किंग ग्रुप ने कॉल मनी मार्केट के लिए ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने की सिफारिश की है.
ग्रुप ने सुझाव दिया है कि ट्रेडिंग विंडो शाम 5 बजे तक ओपन रखने के बजाय 2 घंटे बढ़ाकर शाम 7 बजे तक ओपन रखनी चाहिए.
इस कदम का उद्देश्य बैंकों को रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम की जरूरतों के अनुरूप अपने फंड को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद करना है.
हालांकि, ग्रुप ने सरकारी प्रतिभूतियों, ब्याज दर डेरिवेटिव या विदेशी मुद्रा बाजारों जैसे दूसरे वित्तीय बाजारों के लिए ट्रेडिंग के घंटों में कोई बदलाव करने का सुझाव नहीं दिया.
वर्किंग ग्रुप की अध्यक्षता राधा श्याम राठो ने की, जो आरबीआई में कार्यकारी निदेशक हैं.
आरबीआई ने इस साल फरवरी में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान इस ग्रुप के गठन की घोषणा की थी.
ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टैंडअलोन प्राइमरी डीलर्स (एसपीडी) ने कॉल मनी मार्केट में लंबे समय तक ट्रेडिंग के घंटे मांगे थे.
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि रद्द किए गए लेनदेन को मिलाकर रिपोर्टिंग विंडो का समय शाम 7.30 बजे तक बढ़ाना चाहिए.
रिपोर्ट में पिछले दशक में ओवरनाइट मनी मार्केट में दर्ज शानदार वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है.
2014-15 और 2024-25 के बीच, इस बाजार में वार्षिक कारोबार 281.37 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 1,324.05 लाख करोड़ रुपए हो गया.
इस बीच, दैनिक औसत कारोबार 1.17 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 5.52 लाख करोड़ रुपए हो गया. यह तेज वृद्धि मुख्य रूप से बाजार के कोलैटरलाइज्ड सेगमेंट में वृद्धि के कारण हुई.
इसी अवधि के दौरान इस सेगमेंट में कारोबार 245.27 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 1,296.62 लाख करोड़ रुपए हो गया.
इसके विपरीत, अनकोलैटरलाइज्ड कॉल मनी मार्केट में कारोबार 36.10 लाख करोड़ रुपए से घटकर 27.42 लाख करोड़ रुपए हो गया.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कॉल मनी मार्केट केवल बैंकों और एसपीडी के लिए खुला है.
इन प्रतिभागियों के पास आरबीआई की लिक्विडिटी एडजस्टमेंट सुविधाओं तक पहुंच है.
इस बाजार में मुख्य ऋणदाता सहकारी बैंक हैं, जबकि एसपीडी मुख्य उधारकर्ता हैं.
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एसकेटी/केआर