आरबीआई एमपीसी, पीएमआई, एफआईआई और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से तय होगा बाजार का रुझान

नई दिल्ली, 1 जून . भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है. आरबीआई एमपीसी, पीएमआई, एफआईआई की गतिविधि और आने वाले वैश्विक आर्थिक आंकड़ों का असर बाजार पर देखने को मिलेगा.

घरेलू स्तर पर 2 जून को एसएंडपी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़े आएंगे. इससे देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी. वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक 4 जून को शुरू होगी और 6 जून को इसके नतीजों का ऐलान आरबीआई गवर्नर द्वारा किया जाएगा. इस बैठक से ब्याज दरों को लेकर फैसला लिया जाएगा, जिसका असर शेयर बाजार की चाल पर होगा.

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर अमेरिका में भी 2 जून को पीएमआई के आंकड़े आएंगे. 6 जून को पेरोल और मई के बेरोजगारी के आंकड़े यूएस सरकार द्वारा जारी किए जा सकते हैं.

26-30 मई के कारोबारी सत्र में बाजार में गिरावट देखने को मिली. इस दौरान निफ्टी और सेंसेक्स करीब 0.40 प्रतिशत फिसलकर क्रमश: 24,750 और 81,451 पर बंद हुए.

हालांकि, मुख्य सूचकांकों में गिरावट के बाद भी निफ्टी बैंकिंग सूचकांक 0.63 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ. वहीं, पीएसयू बैंक सूचकांक ने बैंकिंग सेक्टर में तेजी का नेतृत्व किया और करीब 4 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ. इस दौरान एफएमसीजी शेयरों में बिकवाली देखने को मिली, जिससे निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक करीब 2 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ.

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बीते हफ्ते कैश मार्केट में करीब 418 करोड़ रुपए की बिकवाली की और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस दौरान 33,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया.

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया ने कहा कि निफ्टी लगातार दूसरे कारोबारी हफ्ते लाल निशान में बंद हुआ और अब 25,000 के नीचे चला गया है. हालांकि, इंडेक्स अपने 21 दिनों के मूविंग एवरेज से ऊपर बना हुआ है.

उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी के लिए 24,500 एक मजबूत सपोर्ट है. अगर यह टूटता है तो 24,200 तक के स्तर देखने को मिल सकते हैं. तेजी की स्थिति में 25,000 एक मजबूत रुकावट का स्तर होगा.

एबीएस/