रविंदर रैना ने शोपियां फल मंडी का किया दौरा, उत्पादकों के मुद्दों को गृह मंत्री तक पहुंचाने का किया वादा

शोपियां, 20 सितंबर . सेबों के शहर शोपियां में Saturday को भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रविंदर रैना फल मंडी पहुंचे और उन्होंने उत्पादकों, व्यापारियों और फल संघों के सदस्यों से बातचीत की. उनका यह दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब घाटी का सेब उद्योग परिवहन संबंधी बाधाओं से लेकर बढ़ते कर्ज के दबाव जैसी कई चुनौतियों से जूझ रहा है.

रैना ने फल उत्पादकों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बागवानी क्षेत्र कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इस क्षेत्र में कोई भी संकट लाखों परिवारों की आजीविका को सीधे प्रभावित करता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि शासन के उच्चतम स्तर पर उनकी चिंताओं को अनसुना नहीं किया जाएगा.

रैना ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने आपकी समस्याओं को बहुत धैर्यपूर्वक सुना है. कश्मीर के सेब उत्पादक लगातार ट्रकों के परिचालन, बाजार की संतृप्ति, कम दरों और भारी वित्तीय देनदारियों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं व्यक्तिगत रूप से New Delhi में केंद्रीय गृह मंत्री से मिलूंगा और इन मांगों को उनके समक्ष रखूंगा.”

फल उत्पादकों द्वारा उठाई गई प्रमुख मांगों में से एक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋणों की माफी थी. कई फल उत्पादकों ने कहा कि बार-बार सड़कें बंद होने, बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान और प्रतिस्पर्धी बाजार भावों की कमी ने उन्हें कर्ज के चक्र में धकेल दिया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रैना ने कहा कि Government हमेशा देश के किसानों के साथ खड़ी रही है. मुझे पूरा विश्वास है कि केसीसी ऋणों की माफी से फल उत्पादकों को तुरंत राहत मिलेगी. मैं गृह मंत्री और अन्य संबंधित मंत्रालयों से इसकी सिफारिश करूंगा.”

भाजपा नेता ने परिवहन संकट का भी संज्ञान लिया, जिसकी शिकायत उत्पादक पिछले कई हफ़्तों से कर रहे हैं. फलों से लदे ट्रक अक्सर मुगल रोड और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई दिनों तक फंसे रहते हैं, जिससे भारी नुकसान होता है क्योंकि सेब बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं. रैना ने कहा, “यातायात प्रतिबंधों के कारण किसी भी उत्पादक को परेशानी नहीं होनी चाहिए. फलों के ट्रकों की सुचारू और समय पर आवाजाही जरूरी है. इस मुद्दे को संबंधित अधिकारियों के साथ गंभीरता से उठाया जाएगा.”

स्थानीय उत्पादकों और शोपियां फल संघ के सदस्यों ने रैना के आश्वासनों का स्वागत किया, लेकिन जोर देकर कहा कि वादों को जल्द से जल्द अमल में लाया जाना चाहिए. मंडी के एक व्यापारी ने कहा, “हम इस बात की सराहना करते हैं कि रविंदर रैना जैसे वरिष्ठ नेता यहां आए और हमारी बातें सुनी. लेकिन हमारी मांग है कि फैसलों को जमीनी स्तर पर लागू किया जाए. हमारे फल हमारी रोजी-रोटी हैं, और हर दिन की देरी का मतलब है करोड़ों का नुकसान.”

रैना ने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बागवानी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि केंद्र Government इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं, बेहतर सड़क संपर्क और बाहरी राज्यों के साथ बाजार संपर्क पर पहले से ही विचार किया जा रहा है.

एएसएच/जीकेटी