तमिलनाडु के तिरुवरूर में सात अप्रैल को रथ यात्रा उत्सव की छुट्टी घोषित

तिरुवरूर (तमिलनाडु), 31 मार्च . तमिलनाडु के तिरुवरूर में रथ यात्रा को लेकर छुट्टी की घोषणा की गई है. जिला कलेक्टर मोहनचंद्रन ने विश्व प्रसिद्ध तिरुवरूर त्यागराज मंदिर में आयोजित होने वाले भव्य आजी थेर (रथ) उत्सव के मद्देनज़र पूरे जिले में सात अप्रैल को स्थानीय अवकाश घोषित किया है.

पंगुनी उत्सव के अंतर्गत तिरुवरूर त्यागराज मंदिर में आयोजित होने वाला यह भव्य आज़ी थेर उत्सव अपने चरम पर पहुंचेगा. इस उत्सव के लिए रथ निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. उत्सव की भव्यता को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे तिरुवरूर जिले में स्थानीय अवकाश घोषित करने का निर्णय लिया है. इसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं और श्रद्धा व भक्ति के साथ रथ को खींचते हैं.

उल्लेखनीय है कि तिरुवरूर रथ उत्सव तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले में स्थित श्री त्यागराज स्वामी मंदिर का एक प्रमुख त्योहार है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह दक्षिण भारत के सबसे भव्य और विशाल रथ उत्सवों में से एक माना जाता है. यह उत्सव तमिल नववर्ष (चैत्र महीने) के दौरान मनाया जाता है और इसे बेहद शुभ माना जाता है.

यह रथयात्रा भगवान त्यागराज (भगवान शिव) और उनकी पत्नी कामाक्षी अम्मन की मूर्तियों को भव्य रथ में स्थापित कर नगर भ्रमण के लिए निकाले जाने का पर्व है. इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु मंदिर में एकत्र होकर पूजा-अर्चना करते हैं और रथ को खींचने में भाग लेते हैं. इस उत्सव में दक्षिण भारत के सबसे विशाल रथों में से एक का उपयोग किया जाता है, जिसे भक्तजन रस्सियों से खींचते हैं.

जानकारी के अनुसार, रथ की ऊंचाई लगभग 96 फीट होती है और इसका वजन 300 टन तक हो सकता है. रथ को खींचने के लिए श्रद्धालु भक्तों की भीड़ इकट्ठी होती है, जो इसे खींचते हुए पूरे नगर में यात्रा कराती है. इस उत्सव के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार, भक्ति संगीत और नृत्य का आयोजन किया जाता है.

डीएससी/