नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन से पूरे उद्योग जगत में शोक की लहर है. ऐसे में काफी सारे इंडस्ट्री दिग्गज देश के प्रति योगदान के लिए उन्हें याद कर रहे हैं. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि रतन टाटा का जाना पूरे देश के लिए एक बड़ा नुकसान है. भारत की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है. वह उद्योग जगत के लिए एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरी संस्था थे.
टाटा ग्रुप पर ‘द ब्रांड कस्टोडियन-माय इयर विथ द टाटा’ नाम की किताब लिखने वाले मुकुंद गोविंद राजन ने कहा कि रतन टाटा एक शर्मीले और अंतर्मुखी व्यक्ति थे. उनका एक छोटा सोशल ग्रुप था. उनमें कारोबार को लेकर काफी पैशन था. इस कारण से वह टाटा ग्रुप को नई ऊचाइयों पर ले गए. देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह के प्रमुख होने के बाद भी वे काफी सामान्य जीवन जीते थे.
रमेश दमानी ने कहा कि रतन टाटा उन व्यक्तियों में से एक थे, जिन्होंने भारतीय कारोबारियों को रास्ता दिखाया कि कैसे भारत के बाहर जाकर भी अपने कारोबार को फैलाया जा सकता है.
उन्होंने भारत के साथ दुनिया को टाटा के रूप में एक साकारात्मक ब्रांड दिया है. मैं कई बार उनके निजी तौर पर मिला हूं और वे काफी अपनेपन से मिलते थे और सलाह भी देते थे कि क्या सही और क्या गलत. वे हमेशा लोगों को महत्व देते थे.
भारत फोर्ज के चेयरपर्सन बाबा कल्याणी ने कहा कि रतन टाटा एक महान इंसान थे. उन्होंने जिस तरह से टाटा ग्रुप का स्ट्रक्चर खड़ा किया. यह उनकी विरासत को दिखाता है.
टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात को निधन हो गया था. 86 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली. पद्म विभूषण रतन टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुरुवार को मुंबई के वर्ली श्मशान पर किया गया.
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एबीएस/एसके