नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . दिग्गज भारतीय उद्यमी और टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित 86 वर्षीय उद्योगपति एक महान व्यक्ति थे जो उद्योग और समाज में अपने असंख्य मूल्यवान योगदान के लिए जाने जाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु और एक असाधारण इंसान बताया.
दिग्गज उद्योगपति के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं. इस सबके बीच उनका एक पुराना वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी कई बैठकों को याद किया है. उन्होंने बताया है कि कैसे टाटा मोटर्स की नैनो कार फैक्ट्री को बंगाल के सिंगूर से गुजरात के साणंद में स्थानांतरित किया गया और इसने दूसरी कार निर्माताओं के लिए अनगिनत अवसर खोले, जिससे साणंद एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र में बदल गया.
रतन टाटा ने हमेशा एक समृद्ध, स्वस्थ और खुशहाल भारत की कल्पना की, उनका दृढ़ विश्वास था कि राष्ट्र का विकास औद्योगिक विकास के साथ जुड़ा हुआ है.
यह साक्षात्कार दिसंबर 2023 में रिकॉर्ड किया गया था जिसमें उद्योगपति रतन टाटा ने असंख्य मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और पीएम मोदी के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की.
टाटा ने पीएम मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व के बारे में बात की और बताया कि कैसे उनके जैसे कुशल प्रशासक ने गुजरात को एक औद्योगिक केंद्र में बदल दिया और फिर प्रधानमंत्री के रूप में वैश्विक निवेश आकर्षित किया.
साक्षात्कार में रतन टाटा ने याद किया कि वह पहली बार नरेंद्र मोदी से गुजरात के उद्योगों के एक समारोह में मिले थे, जहां उन दोनों ने एक ही मंच पर बात की थी. उस क्षण से वह मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के प्रशंसक बन गए. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में देखेंगे, जिन्हें वह एक राजनेता से ज्यादा अपना दोस्त मानते हैं.
उस समारोह में टाटा ने सवाल किया था : “कंपनियां गुजरात में निवेश क्यों करें?” तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने समझाया कि “गुजरात की अपार विकास संभावनाओं के कारण राज्य में निवेश न करना मूर्खतापूर्ण होगा.” इस बातचीत के बाद टाटा मोटर्स ने अपना कार प्लांट पश्चिम बंगाल से गुजरात स्थानांतरित करने का फैसला किया. मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि भूमि की उपलब्धता और सरकारी मंजूरी सहित किए गए सभी वादे समय पर पूरे किए जाएं.
रतन टाटा ने टिप्पणी की, “उन्होंने जैसा कहा, वैसा किया.” उन्होंने बताया कि कैसे तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उथल-पुथल की अवधि के बाद कंपनी के लिए निर्बाध स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की.
टाटा मोटर्स द्वारा गुजरात में बेस स्थापित करने के बाद, फोर्ड, हिताची और अन्य सहित कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी ऐसा ही किया और अपने कारखाने स्थापित करने के लिए राज्य में पहुंचे.
टाटा समूह के चेयरपर्सन के रूप में अपने 22 साल के कार्यकाल में टाटा संस को एक वैश्विक समूह में बदलने वाले रतन टाटा ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ असामान्य रूप से तीन घंटे लंबी मुलाकात को भी याद किया और बताया कि किस तरह से उन्होंने अपनी गर्मजोशी और आतिथ्य से सभी को सहज महसूस कराया और हर छोटी बात का ध्यान रखा.
जब टाटा समूह परमाणु ऊर्जा आयोग के सहयोग से कैंसर देखभाल सुविधाएं स्थापित कर रहा था, तो पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से इस पहल में शामिल हुए और अप्रैल 2022 में असम में अस्पताल का उद्घाटन किया.
रतन टाटा ने उस साक्षात्कार में कहा था, “वाइब्रेंट गुजरात जैसी पहलों के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने दिखाया कि वह देश को सकारात्मक दिशा में कैसे ले जा सकते हैं. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक मंच पर आगे बढ़ता रहेगा.”
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एकेजे/