‘पहलगाम आतंकी हमले’ को कांग्रेस के राशिद अल्वी ने बताया ‘बंटवारे का नतीजा’

नई दिल्ली, 27 अप्रैल . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने रविवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने देश की आजादी, बंटवारे, पाकिस्तान, सिंधु जल समझौता, आरएसएस प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बयानों को लेकर स्पष्ट और तीखे शब्दों में अपने विचार प्रकट किए.

मणिशंकर अय्यर के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि यह बात बिल्कुल सही है कि बंटवारा गलत हुआ था और भारत आज तक उसके नतीजे भुगत रहा है. उन्होंने कहा कि अगर बंटवारा न हुआ होता तो शायद पहलगाम जैसी आतंकी घटनाएं और उससे पहले की तमाम वारदातें न होतीं और लाखों लोगों की ज़िंदगी बचाई जा सकती थी. जब उनसे पूछा गया कि बंटवारे के लिए वह किसे दोषी मानते हैं, तो उन्होंने कहा कि यह आज के समय में उचित नहीं है कि हम अपने पूर्वजों की गलतियों को ढूंढें.

उन्होंने कहा कि भारत का बंटवारा होना तय था और हो गया. मौलाना आजाद ने पहले ही चेतावनी दी थी कि धर्म के आधार पर कोई भी देश जिंदा नहीं रह सकता. कोई भी राष्ट्र अपनी तहजीब, संस्कृति, भाषा और भाईचारे के आधार पर ही टिकता है. पाकिस्तान धर्म के आधार पर बना और बाद में खुद ही टूट गया.

अनुराग ठाकुर के सिंधु जल संधि पर दिए गए बयान पर टिप्पणी करते हुए अल्वी ने कहा कि अगर भारत सरकार ने यह संधि तोड़ी है, तो पाकिस्तान को इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे. उन्होंने बताया कि कई साल पहले जब वह नेपाल में एक कॉन्फ्रेंस में गए थे, तब पाकिस्तान के दो सांसद, जो बलूचिस्तान और सरहद के थे, ने उनसे कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि को खत्म कर देगा, तो पाकिस्तान तबाह हो जाएगा. शायद वे सांसद खुद पाकिस्तान सरकार के विरोध में थे, इसलिए बार-बार इस पर जोर दे रहे थे.

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री के भारत पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए अल्वी ने कहा कि भविष्य नहीं बल्कि इतिहास ही सच्चाई को उजागर करता है. 1965 के युद्ध का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर उस समय सीजफायर नहीं होता तो भारतीय सेना लाहौर पर कब्जा कर चुकी होती. उन्होंने याद दिलाया कि दोनों युद्धों में खून बहा था और पाकिस्तान के नेताओं ने अपनी आंखों से यह देखा था. ऐसे में उन्हें खून और तूफान की बातें नहीं करनी चाहिए.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इस समय वह उनके बयानों का प्रतिवाद नहीं करना चाहते. लेकिन, सरकार को सिर्फ भाषणों से आगे बढ़ते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. आरएसएस प्रमुख को अपने बयानों पर टिके रहना चाहिए और यदि कोई उनका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने चाहिए, चाहे वह देश में हो या विदेश में.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर जवाब देते हुए अल्वी ने कहा कि आज कोई नया भारत नहीं बना है, यह वही भारत है जो 1947 में आजाद हुआ था. भारत ने 1965 और 1971 में भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था और यह पहली बार नहीं है जब ऐसा किया गया हो.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयानों पर टिप्पणी करते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि पाकिस्तान पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता. वह अपने बयानों से केवल खुद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाक-साफ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने मुंबई हमले का हवाला देते हुए कहा कि तब भी पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसका कोई हाथ नहीं है, लेकिन समय ने सब कुछ उजागर कर दिया. पाकिस्तान की यह आदत हो गई है कि वह हर आतंकवादी हमले से पल्ला झाड़ लेता है, इसलिए उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.

पीएसके/केआर