नई दिल्ली, 15 अक्टूबर . झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं को एक दिन पहले ही चुनाव के इस ऐलान की जानकारी मिल गई थी. इसके बाद पांडेय ने चुनाव आयोग को भाजपा की कठपुतली भी कहा. इस पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मनोज पांडेय के बयान का समर्थन किया है. साथ ही उन्होंने ईवीएम से चुनाव पर निशाना साधा और साथ ही केरल विधानसभा द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के वापस लेने के अनुरोध का समर्थन किया.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “सवाल चुनाव की तारीखों का नहीं है. सवाल ईमानदारी का है. क्या महाराष्ट्र के अंदर ईमानदारी से चुनाव हुए? छत्तीसगढ़ चुनावों में तो भाजपा भी कहती थी कि कांग्रेस पार्टी की सरकार बन रही है. इसके बाद हमने मध्य प्रदेश और हरियाणा देखा है. हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने की बात सारे एग्जिट पोल कह रहे थे. कहां गड़बड़ हुई. जब तक ईवीएम से चुनाव होगा तब तक भाजपा को हराना मुश्किल है.”
उन्होंने आगे कहा, “अगर इजरायल 600 किलोमीटर की दूरी से लेबनान के अंदर पेजर और वॉकी टॉकी के जरिए लोगों को मार सकता है. तो उसके सामने ईवीएम की क्या औकात है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेतन्याहू के बहुत अच्छे रिश्ते हैं. इजरायल इन सारे तकनीकी मामलों का एक्सपर्ट है. इसलिए विपक्ष को चाहिए दबाव बनाए कि इलेक्शन ईवीएम की बजाए मतपत्र से हों. अगर ईवीएम से चुनाव होगा तो मुझे शक है कि चुनाव ईमानदारी से नहीं होगा.”
साथ ही उन्होंने केरल विधानसभा द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के वापस लेने के अनुरोध का समर्थन करते हुए कहा, “मैं केरल सरकार का धन्यवाद करता हूं. वक्फ बोर्ड की नौ लाख एकड़ से ज्यादा प्रॉपर्टी है. जिससे किसी दूसरे का कोई वास्ता नहीं है. ये मुसलमानों की प्रॉपर्टी है. भारत सरकार अपने मुस्लिम विरोधी रुख के चलते वक्फ के नियम को बदलकर इस प्रॉपर्टी को बदलना चाहती है. केरल सरकार ने विधानसभा में जो विधेयक पास किया है, मैं उसका समर्थन करता हूं.”
इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के उस बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि इन लोगों ने मुझे भी हल्के में लिया था, दाढ़ी को हल्के में मत लेना, दाढ़ी ने आपकी महाविकास अघाड़ी को गड्ढे में डालने का काम किया है. इस पर उन्होंने कहा कि देश में हर दाढ़ी वाला उनकी सरकार के विरोध में है. तो वह तो दाढ़ी वाले लोगों की बात न करें.
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पीएसएम/जीकेटी