नई दिल्ली, 22 नवंबर . कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को से बातचीत की. उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र सहित अन्य मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी.
जे.पी. नड्डा ने अपने पत्र में कहा है कि मणिपुर जो आज भुगत रहा है वह कांग्रेस की भूल की वजह से है. यूपीए-1 और यूपीए-2 में गलती नीतियां बनी थीं.
राशिद अल्वी कहा, “जे.पी. नड्डा की चिट्ठी पर मुझे हंसी आती है. आज जो मणिपुर में हो रहा है क्या इससे पहले कभी हुआ था. अपनी गलतियों को चिट्ठी लिखकर छुपाया नहीं जा सकता.
“मैं समझता हूं कि भारत सरकार मणिपुर के हालात को ठीक कर सकती है क्योंकि मणिपुर एक छोटा सा राज्य है. अगर भारत सरकार मणिपुर के हालात ठीक नहीं कर सकती तो वह पूरे देश को कैसे चलाएगी. आज वहां पर अपहरण हो रहा है, लोग मारे जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के बारे में तरह-तरह की खबरें आ रही हैं. भाजपा के विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ हैं. मैं समझता हूं कि इस तरह से चिट्ठी लिखने से मणिपुर के हालात नहीं बदल सकते.”
महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नाम के पोस्टर लगाए गए हैं. उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताया गया है. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा है कि सत्तारूढ़ महायुति में एक नहीं मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी सीएम की रेस में हैं. अब अजित पवार कह रहे हैं वह सीएम बनेंगे. महाराष्ट्र में हमने इससे पहले कभी ऐसा नहीं देखा है. सत्ता पाने के लिए वहां झगड़ा हो रहा है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा. भाजपा जो कांग्रेस पर आरोप लगाती थी, आज मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि महाराष्ट्र के अंदर क्या हो रहा है.
उत्तर प्रदेश के संभल में स्थिति तनावपूर्ण है. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा है कि संसद के अंदर कानून बना है और उस कानून के तहत 1947 में जो मस्जिद थी, वह मस्जिद ही रहेगी और जो मंदिर था वह मंदिर ही रहेगा. धार्मिक स्थल के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. मोदी सरकार में तमाशा हो रहा है. कभी मथुरा की बात हो रही है, कभी वाराणसी की. क्या देश इसी तरह चलेगा. क्या देश के अंदर मस्जिद और मंदिर के अलावा कोई मुद्दा बाकी नहीं है. इन तमाम झगड़ों के पीछे इन तमाम मुद्दों के पीछे सिर्फ भाजपा है.
कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ‘हिन्दू जोड़ो यात्रा’ कर रहे हैं. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा है कि वह इस यात्रा के माध्यम से एक धर्म के लोगों को इकट्ठा कर रहे हैं. यह देश के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे तो कल ओवैसी एक यात्रा निकाल सकते हैं जिसमें वह मुस्लिम समुदाय को इकठ्ठा होने के लिए कहने लगेंगे. कोई सिख नेता यात्रा निकालने लगेगा. ऐसे में क्या यह देश बाकी रहेगा. मुझे नहीं लगता है कि इस तरह की यात्रा निकालने वाले लोगों को देश से प्यार है.
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डीकेएम/एकेजे