कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर दिन भर बंद रही रांची, शाम को दुकान में घुसकर दुकानदार का गला रेता

रांची, 27 मार्च . कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के खिलाफ गुरुवार को झारखंड की राजधानी रांची पूरे दिन बंद रही. इसके बाद शाम को अपराधियों ने शहर के पंडरा इलाके में जूते की एक दुकान में घुसकर दुकानदार भूपेश साहू का गला रेत डाला. उन्हें बेहद गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है. वारदात को लेकर पंडरा इलाके में सनसनी फैल गई है.

बताया गया कि पंडरा ओपी के ‘रवि स्टील’ के पास भूपेश साहू अपनी दुकान में बैठे थे. उसी वक्त बाइक पर सवार अपराधी पहुंचे और उन्हें पकड़कर धारदार हथियार से उनका गला रेत दिया. हैरत की बात यह है कि उस वक्त आस-पास की दुकानें खुली थीं और वहां से थोड़ी दूर पर सत्संग का एक कार्यक्रम आयोजित हो रहा था, जहां सैकड़ों लोग मौजूद थे. इसके बावजूद दुकानदार को बचाने कोई नहीं पहुंचा. आस-पास के दुकानदार दुकानें बंद कर भाग गए. अपराधियों के भागने के बाद स्थानीय लोगों ने घायल दुकानदार को अस्पताल में भर्ती कराया. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची.

एक दिन पहले, 26 मार्च को रांची के कांके चौक पर शाम करीब चार बजे स्थानीय भाजपा नेता और जिला परिषद के पूर्व सदस्य अनिल टाइगर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को लेकर गुरुवार को भाजपा, आजसू पार्टी, जदयू और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने रांची बंद बुलाया था. बंद खासा असरदार रहा. इस मामले को लेकर झारखंड विधानसभा में भी गुरुवार को जोरदार हंगामा हुआ.

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ ने दुकानदार का गला रेत दिए जाने की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “आज पूरे दिन कानून-व्यवस्था को लेकर शहर बंद रहा और देर शाम अपराधियों ने रवि स्टील चौक के समीप जूता-चप्पल व्यवसायी भूपन साहू का गला रेत दिया. रांची में कानून-व्यवस्था का इससे खराब रूप कभी देखने को नहीं मिला. राजधानी की स्थिति भयावह हो चुकी है.”

उन्होंने लिखा, “समझ से परे है कि आखिर प्रशासन कार्रवाई के लिए, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किस मुहूर्त का इंतजार कर रहा है? क्या रांची के व्यवसायी, सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता यूं ही अपराधियों का शिकार होते रहेंगे और शासन-प्रशासन मूकदर्शक बना रहेगा? कब टूटेगी इनकी कुंभकर्णी निद्रा?”

एसएनसी/एकेजे