रांची, 11 जुलाई . रांची में सेना की साढ़े चार एकड़ जमीन की अवैध खरीद-बिक्री और मनी लॉन्ड्रिंग की दो साल पहले शुरू हुई ईडी की जांच का दायरा बहुत बड़ा हो गया है. पिछले दो साल में दो दर्जन से भी ज्यादा छापेमारियों और कई गिरफ्तारियों के बाद रांची के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा, फर्जी कागजात के आधार पर खरीद-बिक्री के मामलों का खुलासा हुआ है.
इसी कड़ी में ईडी की टीमों ने बुधवार और गुरुवार को रांची के कांके अंचल और एनआईसी (नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर) कार्यालय में सैकड़ों दस्तावेज खंगाले हैं. इस दौरान कांके की चामा बस्ती और आसपास के 50 से ज्यादा रैयतों-किसानों ने ईडी के पास अपनी जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायतें दर्ज कराई हैं और एजेंसी को साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं.
बुधवार से लेकर गुरुवार तक ईडी के अफसरों ने ऐसे लोगों के बयान दर्ज किए हैं. एजेंसी ने चर्चित कांके रिजॉर्ट और पुलिस हाउसिंग कॉलोनी से जुड़े दस्तावेजों का भी सर्वे किया है. शुरुआती जांच में ही भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के कई चौंकाने वाले चैप्टर खुल रहे हैं. बताया जा रहा है कि इसकी आंच कई जमीन माफिया के साथ-साथ कुछ आईपीएस और प्रशासनिक सेवाओं के अफसर-कर्मियों तक पहुंच रही है. एजेंसी ऐसे लोगों को समन करने की तैयारी कर रही है.
एजेंसी ने दो दिनों में रांची के कांके अंचल कार्यालय से बड़ी संख्या में जमीन के दस्तावेज जब्त किए हैं. यहां के सर्किल ऑफिसर जयकुमार राम और सर्किल इंस्पेक्टर चितरंजन टुडू के मोबाइल की जांच के दौरान जमीन खरीद-बिक्री में कमीशन और रिश्वत की रकम के लेनदेन का हिसाब मिला है. ईडी ने दोनों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं. इनसे जल्द ही पूछताछ की जाएगी.
जांच में पता चला है कि बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और सरकार की जमीन के साथ-साथ आदिवासियों की सैकड़ों एकड़ वैसी जमीनों का हस्तांतरण जाली कागजात के आधार पर किया गया है, जिनकी खरीद-बिक्री प्रतिबंधित है. कांके अंचल के इस जमीन घोटाले का किंगपिन कमलेश कुमार बताया जा रहा है, जो ईडी के बार-बार समन के बावजूद फरार है. ईडी ने 21 जून को भी कांके रोड के चांदनी चौक स्थित एस्टर ग्रीन अपार्टमेंट में कमलेश के फ्लैट पर छापेमारी की थी और इस दौरान करीब एक करोड़ कैश और 100 से ज्यादा कारतूस बरामद किए थे.
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एसएनसी/एबीएम