नई दिल्ली, 23 मार्च . समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने से बात करते हुए राणा सांगा पर टिप्पणी, उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था जैसे तमाम मुद्दों पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि भाजपा को चाहिए कि वह वास्तविक मुद्दों पर चर्चा करे, जैसे कि देश की आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी और आम आदमी की समस्याओं पर ध्यान दे, बजाय इसके कि वह इतिहास को लेकर लोगों को भ्रमित करे.
बीजेपी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा को बाबर का समर्थक और गद्दार कहने पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि राणा सांगा एक वीर योद्धा थे, जिन्होंने कई युद्ध लड़े और विजय प्राप्त की. राजपूत समाज उन पर गर्व करता है. वीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि भाजपा द्वारा जिन शासकों की क्रूरता का हवाला दिया जा रहा है, वे केवल समाज में घृणा और विभाजन फैलाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “अगर इतिहास को पलटने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो क्या हम उस समय की बात करेंगे, जब छत्रपति शिवाजी महाराज के राजतिलक के लिए किसी समुदाय ने बाएं पैर से अंगूठा लगाया था?”
जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या राणा सांगा का विरोध करने से समाजवादी पार्टी के राजपूत समुदाय में कोई असंतोष उत्पन्न होगा, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी ने रामजी लाल सुमन के बयान का समर्थन नहीं किया है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी बनाए रखी है और यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी पार्टी का नेता इतिहास को लेकर विवाद न खड़ा करे.
वीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि बीजेपी की राजनीति केवल इतिहास को लेकर नहीं, बल्कि मौजूदा परिस्थितियों पर भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “बीजेपी द्वारा किए गए वादों का क्या हुआ? मोदी जी ने काला धन वापस लाने की बात की थी, 15 लाख रुपये देने और दो करोड़ रोजगार के वादों का क्या हुआ?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के शासनकाल में आम आदमी की स्थिति और खराब हुई है और समाज में असंतोष बढ़ा है.
इसके अलावा,उन्होंने यह भी कहा कि राणा प्रताप, जिनकी वीरता पर पूरा राजपूत समाज गर्व करता है, ने कभी किसी मुस्लिम शासक के सामने झुकने की बजाय अपने संघर्ष को जारी रखा. उन्होंने हल्दीघाटी की प्रसिद्ध लड़ाई का हवाला देते हुए कहा कि राणा प्रताप ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए घास की रोटी तक खाई, और वह कभी भी अपने राष्ट्र के खिलाफ खड़े नहीं हुए.
बीजेपी द्वारा बाबर को लेकर किए गए सवालों पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि बाबर के बारे में इतिहासकारों ने मिश्रित राय दी है, और यह बहस का विषय हो सकता है. लेकिन उनका कहना था कि इस पर चर्चा करना जरूरी नहीं है, क्योंकि यह विवाद केवल भाजपा द्वारा उठाया जा रहा है, ताकि वह लोगों का ध्यान असल मुद्दों से हटा सके.
इसके बाद उन्होंने संभल में मस्जिद कमेटी के मुखिया की गिरफ्तारी पर कहा कि यह पूरी तरह से कानून व्यवस्था का मामला है और यह भारतीय जनता पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह यह स्पष्ट करे कि आरोपी को क्यों गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि कानून के तहत मामले की जांच और कार्रवाई होनी चाहिए, और यह मामला अदालत में जाने के बाद ही स्पष्ट होगा.
उन्होंने अंत में कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर वह संविधान के तहत काम करेगी और किसी भी धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करेगी. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का उद्देश्य संविधान के अनुसार न्याय और समानता सुनिश्चित करना है, न कि इतिहास के विवादों में फंसे रहना.
वीरेंद्र सिंह ने अंत में कहा, “हमारी पार्टी संविधान से चलती है, न कि इतिहास से. हम हमेशा न्याय, समानता और सामाजिक समरसता के लिए काम करेंगे. हमारी पार्टी का ध्यान हमेशा लोगों के कल्याण पर रहेगा, न कि राजनीतिक लाभ के लिए इतिहास की राजनीति पर.”
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पीएसएम/