रामराजे नाइक निंबालकर ने अजित पवार को दिया झटका, महायुति के लिए काम नहीं करने का किया ऐलान

फलटण (महाराष्ट्र), 14 अक्टूबर . आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राकांपा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सियासी तौर पर बड़ा झटका लगा है.

पार्टी के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रामराजे नाइक निंबालकर ने विधानसभा चुनाव में महायुति के लिए काम नहीं करने का ऐलान किया है.

राज्य विधान परिषद के सदस्य रामराजे ने संकेत दिया कि वह शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) और महाविकास अघाड़ी के लिए काम करेंगे, हालांकि अयोग्यता से बचने के लिए वह आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल नहीं होंगे.

जुलाई 2023 में अजित पवार के खेमे में शामिल होने का फैसला लेने वाले रामराजे पहले व्यक्ति थे, जब अजित पवार ने अपने चाचा और राकांपा संस्थापक शरद पवार को छोड़कर महायुति में भाजपा और शिवसेना से हाथ मिला लिया था.

इसके बाद रामराजे ने कथित तौर पर स्थानीय भाजपा नेतृत्व द्वारा परेशान किये जाने के कारण शरद पवार को छोड़कर अजित पवार के साथ जाने की बात कही थी.

रामराजे के भाई संजीव राजे नाइक निंबालकर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ, फलटण से राकांपा विधायक दीपक चव्हाण और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और उनके समर्थक सोमवार को राकांपा (एसपी) में शामिल हो गए. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति को हराने का ऐलान किया.

चव्हाण 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में फलटण विधानसभा सीट से चुने गए थे. वह 1999 में एनसीपी के गठन के बाद से ही इससे जुड़े हुए थे.

हाल ही में अजित पवार ने अपनी जनसम्मान यात्रा के दौरान फलटण सीट से दीपक चव्हाण की उम्मीदवारी की घोषणा की थी. इसके बावजूद चव्हाण ने आज अजित पवार का साथ छोड़ दिया और एनसीपी (एसपी) में शामिल होने का फैसला किया. हालांकि आगामी विधानसभा चुनाव में चव्हाण को फलटण विधानसभा सीट से शरद पवार खेमे से टिकट मिलने की उम्मीद है.

रामराजे ने बार-बार राकांपा की कार्यप्रणाली पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.

अजित पवार और राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने रामराजे के साथ लंबी चर्चा की और उनसे पार्टी न छोड़ने का आग्रह किया. साथ ही भाजपा के सामने उनकी शिकायतें उठाने का भरोसा दिया था.

हालांकि रामराजे ने सोमवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि वह शरद पवार खेमे में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने दावा किया कि वह अपने समर्थकों की भावनाओं और मांगों के अनुरूप महायुति के लिए काम नहीं करेंगे. लेकिन फलटण विधानसभा और अलग-बगल की विधानसभा की सीटों पर महाविकास अघाड़ी के लिए चुनाव चुनाव प्रचार जरूर करेंगे.

रामराजे ने कहा, “आज की बैठक में हमारे कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट कर दिया कि वे महायुति में सहज नहीं हैं. वे मेरे कारण महायुति से जुड़े हैं और इसके लिए काम कर रहे हैं. आज उन्होंने मुझसे कहा है कि वे अब महायुति में नहीं रहना चाहेंगे. मेरे सबसे छोटे भाई संजीव राजे नाइक निंबालकर ने भी मुझसे यही कहा है. इसलिए मेरे लिए अब महायुति के लिए काम करना असंभव है.”

रामराजे ने कहा, “मैं अजित पवार को छोड़ूंगा या नहीं, यह अलग बात है. मैं शरद पवार के साथ जाऊंगा या नहीं, यह भी अलग बात है. लेकिन मैं महायुति के साथ काम नहीं करूंगा, यह बिल्कुल तय है. न तो हम और न ही हमारे कार्यकर्ता महायुति के साथ रहना चाहते हैं.”

एकेएस/एकेजे