नई दिल्ली, 6 अक्टूबर . रामलीला में राम का किरदार ही मुख्य होता है अगर राम ही नहीं होंगे तो रामलीला कैसे होगी. इसी लाइन के साथ विश्वकर्मा नगर रामलीला कमेटी ने तय किया है कि इस वर्ष रामलीला का मंचन नहीं होगा.
दरअसल, विश्वकर्मा नगर में आयोजित होने वाली रामलीला में राम का किरदार निभाने वाले सुशील की मौत हो गई है. सुशील की मौत उस वक्त हुई जब वह रामलीला के दौरान एक गीत गा रहे थे. इसी दौरान, वह बैक स्टेज गए और अपने साथी कलाकार से कहा, “मुझे चक्कर आ रहा है.”
सुशील के यह आखिरी बोल थे. इसके बाद उनका संतुलन बिगड़ा और वह गिर गए. आनन-फानन में कमेटी के लोगों द्वारा सुशील को निजी अस्पताल भेजा गया. लेकिन, डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद सुशील की जान नहीं बच सकी. सुशील के जाने से रामलीला कमेटी गमगीन है.
कमेटी के उपाध्यक्ष सतेंद्र नागर ने से कहा, “कमेटी के लोगों में शोक की लहर है. रामलीला देखने वाले दर्शक भी काफी दुखी हैं. हमने कल्पना भी नहीं की थी ऐसा कुछ होगा. 32 सालों से सुशील हमारी रामलीला में राम का किरदार निभा रहे थे. सुशील अपने पीछे अपनी पत्नी व एक बेटा-बेटी को छोड़कर गए हैं.”
हालांकि, कमेटी के उपाध्यक्ष ने कहा कि हम देख रहे हैं कि जब से लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है, इस तरह के मामले सामने आए हैं. जिसमें लोगों की हार्ट अटैक से मृत्यु हो जाती है.
मृतक के छोटे भाई एस कौशिक ने कहा, “जिस वक्त उन्हें चक्कर आया. मैं उस वक्त उनके साथ नहीं था. अस्पताल में उन्हें बचाने की कोशिश की गई. लेकिन, डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके.”
सुशील के मित्र दीपक ने बताया कि वह मेरे पास आए और बोले कि उन्हें चक्कर आ रहा है. वह गिर पड़े, उन्हें अस्पताल ले कर गए. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया. लेकिन, उन्हें बचा नहीं पाए.
वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस घटना पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, “ये चर्चा आम है कि कोरोना की वैक्सीन के बाद भारत में लगातार ऐसे मामले आ रहे है जहां नौजवान लोग चलते फिरते हार्ट अटैक से मर रहे हैं.”
–
डीकेएम/एएस