जबलपुर, 6 फरवरी . मध्य प्रदेश के जबलपुर के कलाकार रामकृपाल नामदेव ने कूची से लता मंगेशकर के जीवन से जुड़ी घटनाओं को कैनवास पर उतारा है. उन्होंने लगभग 1,436 चित्रों के माध्यम से एक पेंटिंग बनाई है. इस पेंटिंग को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. पेंटिंग को एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली है. पहले किसी ने भी ऐसी पेंटिंग नहीं बनाई थी.
लता मंगेशकर के तैलचित्र पर रामकृपाल नामदेव ने अपना नाम लिम्का, एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है. गुरुवार 6 फरवरी को स्वर कोकिला लता मंगेशकर की तीसरी पुण्यतिथि पर कला वीथिका में चार दिवसीय चित्र लतिका प्रदर्शनी का समापन हुआ.
रामकृपाल का कहना है कि वह लता मंगेशकर के गाने सुना करते थे. उन्हें उनकी आवाज इतनी अच्छी लगने लगी कि उन्हें लता मंगेशकर की पेंटिंग बनाने का विचार आया.
इसके बाद उन्होंने एक ऐसी पेंटिंग बनाई, जिसमें लता मंगेशकर के जीवन से जुड़ी उस समय की जितनी भी तस्वीरें थीं, उन्हें मिलाया और एक बड़ी तस्वीर तैयार की. रामकृपाल नामदेव एक शौकिया पेंटर हैं, पेंटिंग उनका पेशा नहीं है.
रामकृपाल नामदेव ने से कहा कि वह अपना एक चित्र लेकर लता मंगेशकर के पास भी गए थे. शुरुआत में उनकी मुलाकात लता मंगेशकर से नहीं हो पाई और उनके सेक्रेटरी के माध्यम से उन्होंने अपनी एक पेंटिंग लता जी तक पहुंचाई. रामकृपाल ने सेक्रेटरी से कहा था कि यदि लता मंगेशकर इस पर अपने सिग्नेचर कर देती हैं तो बड़ी मेहरबानी होगी. लेकिन लता मंगेशकर ने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह पेंटिंग इतनी अच्छी है कि यदि मैं इस पर साइन कर दूंगी तो उसकी खूबसूरती कम हो जाएगी. लेकिन दोबारा रामकृपाल खुद पेंटिंग लेकर पहुंचे. इसके बाद लता ने पेंटिंग पर ऑटोग्राफ दे दिया था.
रामकृपाल इसे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हैं. रामकृपाल नामदेव ने कहा कि वे ‘चित्र लतिका’ नाम से श्रृंखला चलाते हैं, जिसके अंतर्गत देश के कई बड़े शहरों में लता मंगेशकर के चित्रों की प्रदर्शनी लगाते हैं. मुंबई की जहांगीर आर्ट गैलरी, पुल देशपांडे आर्ट गैलरी, दिल्ली में ललित कला अकादमी, कोलकाता की जामिनी राय आर्ट गैलरी, अहमदाबाद में रवि शंकर रावल कला भवन और जबलपुर में हीरालाल राय कला विविका में उनकी प्रदर्शनी लग चुकी है. उन्होंने एक-एक इंच के छोटे-छोटे चित्रों को कई महीनों की कड़ी मेहनत से तैयार कियाहै.
–
एफजेड/एकेजे