उत्तर प्रदेश भारत का अभिन्न अंग, रामभद्राचार्य का बयान उनका निजी विचार: हरेंद्र मलिक

मुजफ्फरनगर, 13 सितंबर . उत्तर प्रदेश के मेरठ में कथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने इस क्षेत्र को “मिनी पाकिस्तान” जैसा बताया है. उनके इस बयान पर सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह रामभद्राचार्य की निजी सोच हो सकती है, लेकिन इस क्षेत्र के लोग इसे भारत का अभिन्न अंग मानते हैं.

उन्होंने कहा, “हम यहीं पैदा हुए, यहीं रहे. यह भारत का हिस्सा है और यहां के सभी नागरिक भारतीय हैं, हिंदुस्तानी हैं, इंडियन हैं.”

हरेंद्र मलिक ने बागेश्वर महाराज के “हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने” की यात्रा के बयान पर भी असहमति जताई. उन्होंने कहा, “हम संविधान में विश्वास रखते हैं. संविधान के खिलाफ कही गई किसी भी बात का न तो समर्थन करते हैं, न स्वीकार करते हैं.”

उन्होंने भारत को संवैधानिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बताते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि हिंदू-मुसलमान यहां भाईचारे के साथ रहते हैं. इस तरह के बयान दुखद है और सरकार से ऐसी टिप्पणियों पर गंभीरता से कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि सामाजिक सौहार्द नहीं बिगड़े.

हरेंद्र मलिक ने यह भी आशंका जताई कि इस तरह के बयान राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकते हैं. उन्होंने कहा, “चुनाव नजदीक आते ही ऐसी बातें शुरू हो जाती हैं, जिनका मकसद हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़काना हो सकता है. कुछ लोग जानबूझकर ऐसी टिप्पणियां करते हैं, जिससे उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ और सरकार की छवि खराब हो.” उन्होंने जोड़ा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में दबाव की राजनीति नहीं, बल्कि सम्मान की राजनीति चलती है.

राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जिला पंचायत चुनाव में अलग-अलग लड़ने के सवाल पर हरेंद्र मलिक ने इसे दोनों दलों का आंतरिक मामला बताकर किसी भी तरह से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

नेपाल में हाल के तख्तापलट के सवाल पर हरेंद्र मलिक ने कहा कि वह किसी तख्तापलट का समर्थन नहीं करते, लेकिन नेपाल की जनता ने अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई है, जो सभी देशों के लिए सबक है. उन्होंने Government of India को चेतावनी दी कि नागरिकों पर अत्यधिक दबाव नहीं डालना चाहिए, वरना लोग सड़कों पर उतर सकते हैं.

हरेंद्र मलिक ने कहा, “हम प्रार्थना करते हैं कि भारत में ऐसी स्थिति न आए. दंगों से हमेशा देश का नुकसान हुआ है. सरकार को लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए.”

एकेएस/डीएससी