Mumbai , 12 सितंबर . ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान Prime Minister Narendra Modi के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि कांग्रेस के नए वीडियो को लेकर राजनीति तेज हो गई है. महाराष्ट्र से भाजपा विधायक राम कदम ने बिहार कांग्रेस के पीएम मोदी से जुड़े एआई-जनरेटेड वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस वीडियो को कांग्रेस की घटिया राजनीति बताया.
भाजपा विधायक राम कदम ने से बातचीत में कहा, “हम सभी के लिए माता-पिता आदर्श स्वरूप हैं. वहीं, कांग्रेस ने Prime Minister से जुड़े एआई वीडियो को social media पर पोस्ट किया है. शायद विपक्ष और कांग्रेस में ऐसे संस्कार नहीं हैं, लेकिन हमारे पास हैं. मुझे लगता है कि इस पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं होना चाहिए. सामान्य नागरिक की तरह अगर Prime Minister की मां लाइन में खड़ी होती हैं तो यह गौरवपूर्ण बात है. मैं इतना ही कहूंगा कि यह वीडियो देश की सभी माताओं का अपमान है.”
राम कदम ने सीआरपीएफ के उस पत्र पर भी टिप्पणी की, जिसमें कांग्रेस के Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा विदेश यात्राओं के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन की बात कही गई थी. उन्होंने कहा, “गांधी परिवार में इससे पहले भी दुर्भाग्यपूर्ण हादसे हुए हैं और इसी के मद्देनजर उन्हें हाई लेवल की सुरक्षा मुहैया कराई गई है. उन्हें (राहुल गांधी) सुरक्षाकर्मियों और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों का सम्मान करना चाहिए. राहुल गांधी ने बिना सूचना दिए नौ बार विदेश यात्रा क्यों की? अगर कोई भी विशेष व्यक्ति विदेश जाता है तो उन्हें इस बारे में सुरक्षाकर्मियों को जानकारी देनी चाहिए. मुझे लगता है कि उन्हें अपनी सुरक्षा को हलके में नहीं लेना चाहिए.”
राम कदम ने शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने पूरी तरह से अपनी मानसिक स्थिरता खो दी है. जब वे चुनाव जीतते हैं, तो वे चुनाव आयोग और ईवीएम की तारीफ करते हैं, लेकिन हारने पर दोष देते हैं या सौदेबाजी के आरोप लगाते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि उद्धव के नेता परिपक्व राजनेताओं की तरह बोलें, लेकिन दुर्भाग्य से, वे स्कूली बच्चों की तरह व्यवहार करते हैं.”
सीपी राधाकृष्णन के भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण पर भाजपा विधायक ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “आज सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति के प्रतिष्ठित पद का कार्यभार संभालेंगे. दुनिया ने इस गरिमामय पद को करीब से देखा है. आम भारतीय होने के नाते हम उम्मीद करते थे कि चुनाव संख्याबल के आधार पर जीते जाएंगे, लेकिन जब बात राष्ट्र, उसकी गरिमा, या प्रतिष्ठित पदों की हो, तो विपक्ष को संख्याबल कम होने पर भी सत्ता पक्ष का समर्थन करना चाहिए था.”
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