साहिबाबाद, 11 फरवरी . श्याम रसोई ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्री राम चर्चा के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं साहिबाबाद विधायक सुनील कुमार शर्मा ने रामराज्य की अवधारणा, श्रीराम के आदर्शों और उनके नीति सिद्धांतों का बखान किया. जैसे ही उन्होंने श्रीराम के सुशासन, धर्म और लोक कल्याणकारी नीतियों पर अपनी व्याख्या प्रस्तुत की, पूरा पंडाल ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूंज उठा.
मंत्री ने बताया कि रामराज्य केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि सुशासन और न्याय का सर्वोत्तम मॉडल है, जिसकी प्रासंगिकता आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. रामराज्य एक ऐसी शासन व्यवस्था थी, जहां धर्म, न्याय, सेवा और सदाचार को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था. यह केवल पौराणिक कथा नहीं, बल्कि लोक कल्याणकारी शासन का वास्तविक स्वरूप था, जहां हर नागरिक समान अधिकारों से संपन्न था और राज्य का प्रमुख उद्देश्य जनता का सुख और समृद्धि था.
उन्होंने कहा कि श्रीराम केवल एक राजा नहीं, बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम थे. उनके जीवन के प्रत्येक निर्णय में कर्तव्य, त्याग और आदर्शों की झलक मिलती है. श्रीराम ने यह संदेश दिया कि राजधर्म और व्यक्तिगत धर्म में संतुलन बनाकर ही एक आदर्श समाज की स्थापना की जा सकती है. वर्तमान समय में भी नीतिपरक शासन और समाज में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता है. रामराज्य की अवधारणा केवल ग्रंथों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे प्रशासन और सामाजिक जीवन में अपनाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि जब अधर्म अपने चरम पर होता है, तब सत्य और न्याय की विजय निश्चित होती है. श्रीराम का युद्ध केवल व्यक्तिगत विजय नहीं थी, बल्कि सत्य, न्याय और नीति की स्थापना के लिए था. राम केवल एक नाम नहीं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि की ऊर्जा का स्रोत हैं. उन्होंने श्रद्धालुओं से रामचरितमानस का अध्ययन करने और श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया.
गरीबों को मात्र एक रुपये में भोजन कराने वाली श्याम रसोई ने अपनी समाज सेवा के तीन वर्ष पूरे किए हैं. इस अवसर पर एक भव्य श्रीराम चर्चा और कीर्तन का आयोजन किया गया था. उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं साहिबाबाद विधायक सुनील कुमार शर्मा ने इस आयोजन की जिम्मेदारी संभाली.
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