नई दिल्ली, 14 सितंबर . समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने सीताराम येचुरी के निधन पर कहा, ‘उनका व्यक्तित्व ऐसा था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है, वह लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगे’. उन्होंने कहा, मेरे तो वह बहुत अच्छे दोस्तों में से एक थे. वह बहुत जल्दी चले गए. सीताराम येचुरी के जाने से विपक्ष को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई संभव नहीं है.
राम गोपाल यादव ने एक्स पर लिखा, कॉमरेड सीताराम येचुरी का निधन अत्यंत पीड़ादायक है. भारतीय राजनीति में पक्ष विपक्ष के तीखे मतभेदों के बीच सफलतापूर्वक सेतु का काम करने वाले वे एकमात्र नेता थे.
वे कामरेड सुरजीत के अत्यधिक प्रिय थे. मेरी सबसे पहले येचुरी से मुलाक़ात सुरजीत साहब के घर पर ही हुई थी. फिर वे राज्यसभा में आए. मेरी सीट येचुरी के दाहिने तरफ ही थी.
उन्हें राज्य सभा से विदाई देते समय जब मैं बहुत भावुक हो गया था तो येचुरी ने खड़े होकर मुझे नार्मल कराया था. संसद और संसद के बाहर उनका भारत की राजनीति में अतुलनीय योगदान रहा है.
उनकी मृत्यु से देश की राजनीति में एक शून्य पैदा हो गया. इसकी भरपाई बहुत कठिन है. इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार और सीपीआई(एम) के सभी कार्यकर्ताओं के साथ हूं.
बता दें कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव और पूर्व सांसद सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया. वह 72 साल के थे और दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था, यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली.
चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को जन्मे येचुरी अगस्त 2005 से 2017 तक लगातार दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे. वह अप्रैल 2015 से माकपा के महासचिव पद पर थे. इससे पहले 1992 से वह माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और 1984 से माकपा की केंद्रीय समिति से सदस्य रहे थे. उनके निधन के बाद इंडिया गठबंधन के विभिन्न दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
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डीकेएम/