भारत में आतंकवाद खत्म करने के लिए पीओके वापस लेना जरूरी : रामगोपाल यादव

नई दिल्ली, 25 अप्रैल . समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने आतंकवाद के मुद्दे पर केंद्र सरकार से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर निर्णायक कार्रवाई की मांग की है.

उन्होंने कहा कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है और जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता, भारत में आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करना असंभव है. मौजूदा वैश्विक परिस्थितियां भारत के लिए अनुकूल हैं और देश को इस अवसर का लाभ उठाकर पीओके में आतंकवाद के स्रोतों को नष्ट करना चाहिए.

रामगोपाल यादव ने कहा, “पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पीओके से आतंकवाद को संचालित कर रही है. वहां से आतंकवादी भारत में भेजे जाते हैं. जब तक हम पीओके को वापस नहीं लेते, आतंकवाद का खात्मा नहीं हो सकता. प्रधानमंत्री ने कई बार कहा है कि हम घर में घुसकर मारेंगे. अब समय आ गया है कि इस बात को अमल में लाया जाए. पूरा देश यही चाहता है.”

रामगोपाल यादव ने कश्मीर के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा, ”1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें पीछे धकेला. हालांकि, मामला संयुक्त राष्ट्र में पहुंचा और युद्धविराम लागू हो गया.”

उन्होंने पीओके को नासूर करार देते हुए कहा कि यह भारत को लगातार परेशान कर रहा है. आतंकवादी वहीं से आते हैं. हमें अब और इंतजार नहीं करना चाहिए. जल्दबाजी में आतंकवादियों को पकड़ने का दिखावा करने के बजाय हमें सीधे उनके ठिकानों पर हमला करना चाहिए.

रामगोपाल यादव ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के एक ट्वीट का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, “जब सारा देश एकजुट है और कश्मीर के लिए खड़ा है, तो विघटनकारी बातें करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. ऐसी मानसिकता देश के लिए हानिकारक है.”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि देश के सामने जब बाहरी दुश्मन खड़ा हो, तो आपसी तनाव देश को कमजोर करता है. हिंदू-मुसलमान के बीच तनाव पैदा करना देशहित में नहीं है. हमें एकजुट होकर दुश्मन का सामना करना चाहिए.

कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा के बयान पर भी रामगोपाल यादव ने कहा कि यह देश के लिए कठिन समय है. जिम्मेदार लोगों को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए, जो देश का माहौल खराब करे. मैं उनसे निवेदन करता हूं कि वे संयम बरतें.

एकेएस/एबीएम