नई दिल्ली, 8 अक्टूबर . ‘वायु वीर विजेता’ कार रैली मंगलवार को लद्दाख के थोईस से रवाना हुई. थोईस, समुद्र तल से 3,068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा वायु सेना स्टेशन है. इस रैली के अंतर्गत वायु योद्धाओं, सेना के जवानों, पूर्व वायुसैनिकों और उत्तराखंड युद्ध स्मारक (यूडब्ल्यूएम) के सदस्यों का एक दल अरुणाचल प्रदेश स्थित तवांग के लिए रवाना हुआ है.
यह कार रैली लेह, कारगिल, श्रीनगर, जम्मू, चंडीगढ़, देहरादून, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, दरभंगा, बागडोगरा, हासिमआरा, गुवाहाटी, तेजपुर और दिरांग में रुकते हुए नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी.
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की 92वीं वर्षगांठ और 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की विजय के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, ‘वायु वीर विजेता’ कार रैली निकाली जा रही है. केंद्रीय राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने थोईस से इसे रवाना किया.
भारतीय वायु सेना- उत्तराखंड युद्ध स्मारक (आईएएफ-यूडब्ल्यूएम) का यह दल, कुल 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली से थोईस के लिए इस कार रैली को विदाई दी थी. 29 अक्टूबर को तवांग में इस कार रैली का समापन होगा.
यह रैली अपनी 7,000 किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान, विभिन्न स्थानों पर देश के युवाओं से जुड़ेगी. सैन्य जवानों की यह टीम युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी. इसका उद्देश्य लोगों में भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास तथा विभिन्न युद्धों और बचाव अभियानों में वायु योद्धाओं की वीरता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. रैली के दौरान युवाओं को मातृभूमि की सेवा के लिए आकर्षित करने का प्रयास भी किया जाएगा.
रैली में विभिन्न चरणों में कई पूर्व वायुसेना प्रमुख भी हिस्सा लेंगे. भारतीय वायुसेना द्वारा उत्तराखंड युद्ध स्मारक के बुजुर्ग सैनिकों के साथ समन्वय में आयोजित इस रैली का उद्देश्य भारतीय वायु सेना के प्रति लोगों को महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराना भी है. इस मेगा कार रैली में महिलाओं सहित 52 वायु योद्धा शामिल हैं. रास्ते में, वायु योद्धा 16 पड़ावों पर रुकेंगे, जहां वे विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के साथ बातचीत कर उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.
–
जीसीबी/एबीएम