प्रयागराज, 9 जुलाई . किसान नेता राकेश टिकैत प्रयागराज पहुंचे और यहां उन्होंने महाराष्ट्र में भाषा विवाद और बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर सत्तारूढ़ दलों पर निशाना साधा. उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि भाषा विवाद पुराना मुद्दा है, जिसे पिछले चार-पांच दिनों से फिर से उछाला जा रहा है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी मराठी, तमिल या कन्नड़ जैसी मातृभाषाओं का विरोध नहीं करता. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा बोलने का हक है और इस तरह के विवाद से गलत संदेश जाता है.
उन्होंने सरकार की शिक्षा नीति की आलोचना की और स्कूलों को मर्ज करने के फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं और इन्हें बंद करना या मर्ज करना उन्हें शिक्षा से वंचित करेगा. उन्होंने सरकार की इस नीति को गलत बताते हुए इसका विरोध किया.
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार गरीब बच्चों को अनपढ़ बनाकर मजदूरी के लिए मजबूर करना चाहती है.
उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में पढ़ाने की क्षमता सिर्फ धनाढ्य वर्ग के पास है, जबकि गरीब परिवार के बच्चे शिक्षा के लिए सरकारी स्कूलों पर निर्भर हैं.
कांवड़ यात्रा के दौरान नॉन-वेज खाने को लेकर चल रहे विवाद पर राकेश टिकैत ने कहा कि यह मुद्दा नॉन-वेज से नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय के प्रति नफरत से जुड़ा है. उन्होंने सुझाव दिया कि अगर नॉन-वेज का विरोध है, तो मंदिरों के पुजारियों और सनातनी समाज को इसके खिलाफ अभियान चलाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जनता अब इस सच्चाई को समझ चुकी है. उन्होंने सरकार से होटलों में खाने की जांच के लिए स्पष्ट नीति बनाने की मांग की, ताकि यह पता चले कि विवाद भोजन से है या जाति और धर्म से.
बिहार में कानून-व्यवस्था पर टिकैत ने कहा कि वहां स्थिति खराब है और विपक्ष को इस पूरे मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना चाहिए. विपक्ष को चाहिए कि इस पूरे मुद्दे को लेकर State government पर दबाव बनाए.
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एसएचके/जीकेटी