New Delhi, 22 जुलाई . जगदीप धनखड़ ने Monday को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके एक दिन बाद Tuesday को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की.
राष्ट्रपति भवन ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. social media पर दोनों की मुलाकात की तस्वीर भी शेयर की गई.
भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं. देश के उपराष्ट्रपति का काम राज्यसभा को संभालना है. अब तक जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की जिम्मेदारी संभाल रखी थी. उनके इस्तीफे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही उपसभापति के पास चली गई. जब तक नए उपराष्ट्रपति चुन नहीं लिए जाते हैं, तब तक उपसभापति ही उस पद को संभालते हैं.
भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया.
जगदीप धनखड़ ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस्तीफा पत्र पोस्ट करते हुए कहा, “आदरणीय राष्ट्रपति जी, स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं. मैं भारत की राष्ट्रपति के प्रति उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद एवं अद्भुत कार्य संबंधों के लिए अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं.”
उन्होंने कहा कि मैं Prime Minister और सम्मानित मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. Prime Minister का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा है. संसद के सभी सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरी स्मृति में रहेगा. मैं हमारे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और अंतर्दृष्टि के लिए तहे दिल से आभारी हूं.
जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति एवं अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य एवं संतुष्टि की बात रही है. हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है. इस प्रतिष्ठित पद से विदा लेते हुए मैं भारत के वैश्विक उत्थान और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा हूं और इसके उज्ज्वल भविष्य में अटूट विश्वास रखता हूं.
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