नई दिल्ली, 25 अगस्त . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के विलियम बी मॉर्गन लार्ज कैविटेशन चैनल (एलसीसी) का दौरा किया है. अमेरिका के टेनेसी में नौसेना के सरफेस वॉरफेयर सेंटर में यह चैनल है. यह चैनल दुनिया की सबसे वृहद एवं तकनीकी रूप से सर्वाधिक उन्नत जल सुरंगों में से एक है.
यह अमेरिका का वह केंद्र है जहां पर पनडुब्बियों, टारपीडो और नौसेना के जहाजों तथा प्रोपेलरों का परीक्षण किया जाता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सुरंग के वास्तविक प्रयोग से अवगत कराया गया. इस मौके पर उनके साथ अमेरिका में भारत के राजदूत, भारतीय नौसेना के महानिदेशक, नौसेना संचालन कर्मी और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से रक्षा प्रौद्योगिकी परामर्शदाता सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
मंत्रालय ने बताया कि इस विजिट के दौरान अमेरिकी नौसेना के उप-अवर सचिव ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया. अमेरिका के इस सतही युद्धक केंद्र के कमांडर तथा तकनीकी निदेशक ने तमाम उपयोगी जानकारी भारतीय रक्षा मंत्री के साथ साझा की.
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारत और अमेरिका की इस महत्वपूर्ण चर्चा का उद्देश्य भारत में स्वदेशी डिजाइन और विकास के उद्देश्य से इस प्रकार की सुविधाओं की शुरुआत और प्रस्तावों में सहयोग करना भी है.
राजनाथ सिंह इस दौरे पर अमेरिका में रक्षा उद्योग से जुड़ी अमेरिकी कंपनियों के साथ भी मुलाकात कर चुके हैं. जिन अमेरिकी रक्षा कंपनियों से उन्होंने चर्चा की है उनमें बोइंग, जीई, जनरल एटॉमिक्स, जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स, एल3 हैरिस, लॉकहीड मार्टिन, रेथियॉन टेक्नोलॉजीज, रॉल्स रॉयस और थायरमहान जैसी प्रमुख अमेरिकी रक्षा और प्रौद्योगिकी कंपनियां शामिल हैं.
रक्षा मंत्री अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं. इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की है. वह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन से भी मुलाकात कर चुके हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ती गति और कई स्तरों पर रक्षा संबंधों की पृष्ठभूमि में हो रही है. इस यात्रा से भारत-अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और गहरी तथा व्यापक होने की उम्मीद जताई जा रही है.
रक्षा मंत्री ने मौजूदा और भविष्य के रक्षा सहयोग पर अमेरिकी रक्षा उद्योग के साथ एक उच्च स्तरीय गोलमेज बैठक की अध्यक्षता भी की है.
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जीसीबी/एकेजे