नई दिल्ली, (17 मार्च), . केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड के साथ बैठक की. इस दौरान सिंह ने अमेरिकी धरती पर भारतीय हितों के खिलाफ काम कर रहे खालिस्तानी चरमपंथियों का मुद्दा उठाया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को हुई बातचीत में मंत्री ने खालिस्तानी संगठन एसएफजे (सिख फॉर जस्टिस) की भारत विरोधी गतिविधियों पर प्रकाश डाला.
एसएफजे को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने के लिए देश में प्रतिबंधित किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया, “भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की और अमेरिकी प्रशासन से गैरकानूनी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा.”
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय चर्चा की, जिसमें दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया. बैठक के दौरान रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई.
बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा, “नई दिल्ली में अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात कर खुशी हुई. हमने रक्षा और सूचना साझाकरण सहित कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करना है.”
भारत की ढाई दिन की यात्र पर आईं तुलसी गबार्ड ने एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. डोभाल और गबार्ड के बीच बैठक में मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा हुई.
सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) एक अमेरिकी संगठन है जो भारत से स्वतंत्र ‘खालिस्तान’ नामक एक अलग सिख राज्य की वकालत करता है.
2007 में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इसकी स्थापना की थी. भारत सरकार ने 2019 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया. इसे आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला अलगाववादी समूह करार दिया.
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