छपरा, 11 जुलाई . बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए Supreme court ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि पुनरीक्षण के लिए आधार कार्ड, मतदाता फोटो पहचान पत्र और राशन कार्ड को वैध दस्तावेज माना जाए. भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने Friday को इसकी सराहना की.
भाजपा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए Supreme court के फैसले की सराहना की. उन्होंने कहा, “यह समय चुनाव आयोग के कदम से कदम से मिलाकर मतदाता सूची पुनरीक्षण में सहयोग करने का है. हम सभी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सभी कार्यकर्ताओं के साथ कार्य कर रहे हैं. मतदाता सूची पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य है कि गलत लोगों का नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़े और सही लोगों का नाम नहीं छूटे. पूरे जोश के साथ हम सभी लोग इस कार्य में जुटे हैं.”
विपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद ने कहा, “Supreme court ने बहुत ही ऐतिहासिक निर्णय सुनाया. कोर्ट ने साफ किया कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का जो कार्य चल रहा है, उस पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी. Supreme court के सुझाव से विपक्ष को एक बड़ा झटका लगा, क्योंकि इन मुद्दों के साथ वे चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे थे. Supreme court के निर्देश का सभी को अनुपालन करना होगा. किसी प्रकार की रोक नहीं है और मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम चल रहा है. यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जो संविधान में दी गई है. चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. पूरे राज्य में इसे अच्छे से कराया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि बिहार में चुनाव से तुरंत पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण का मामला तूल पकड़े हुए है. Supreme court ने Thursday को हुई सुनवाई के दौरान कहा कि निर्वाचन आयोग आधार कार्ड, मतदाता फोटो पहचान पत्र और राशन कार्ड को मतदाता पंजीकरण के लिए वैध दस्तावेज माने. न्यायालय ने कहा कि 11 स्वीकार्य दस्तावेजों की आधिकारिक सूची संपूर्ण नहीं है.
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एससीएच/एकेजे