नई दिल्ली, 21 जुलाई . पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यूपीए सरकार के दौरान मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) रहे कौशिक बसु के “स्क्यूफ्लेशन” के आरोपों का सोशल मीडिया पर जवाब दिया है.
उन्होंने लिखा कि कांग्रेस सरकार के समय के केंद्रीय मंत्री चिदंबरम से लेकर सीईए रहे बसु और पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन इसी उम्मीद में जी रहे हैं कि लोग भूल चुके हैं और भारतीयों को सामूहिक रूप से भूलने की बीमारी हो गई है.
उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में अभूतपूर्व भ्रष्टाचार, और आर्थिक विनाश का यह गिरोह या तो अयोग्य/अक्षम था या मूक/सक्रिय दर्शक.
यहां तक कि आज के समय में एक आर्थिक नौसिखिया भी 2013-14 के निचले स्तर से हमारी अर्थव्यवस्था के परिवर्तन एवं मजबूती और कोरोना के बाद आए लचीलेपन की बात मानेगा.
कौशिक बसु ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि भारत में “स्क्यूफ्लेशन” देखा जा रहा है. मौद्रिक नीति से नहीं बल्कि सेक्टर के हिसाब से कदम उठाना होगा. इस बार का बजट काफी महत्वपूर्ण होगा.
इस पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी ने कहा कि कृपया महंगाई के वर्तमान आंकड़ों की मुख्य आर्थिक सलाहकार के आपके कार्यकाल (2010-12) के आंकड़ों के साथ तुलनात्मक विश्लेषण करें.
इस पर राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे.
बता दें कि भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है. वित्त वर्ष 2023-24 में देश की आर्थिक विकास दर 8.2 प्रतिशत रही. वहीं, चालू वित्त वर्ष में इसके 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अनुमान है कि महंगाई दर वित्त वर्ष 2024-25 में औसत 4.5 प्रतिशत रह सकती है.
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एबीएस/एकेजे