New Delhi, 12 जुलाई . बिहार की कानून-व्यवस्था पर लोजपा (रामविलास) सांसद राजेश वर्मा ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हम एनडीए के साथ हैं और एक ईमानदार दल होने के नाते बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चुप रहना 14 करोड़ बिहारवासियों के साथ अन्याय होगा.
Saturday को से बातचीत के दौरान लोजपा सांसद ने कहा कि बिहार में व्यापारी, ग्रामीण और आम लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. हाल में हुई आपराधिक घटनाओं जैसे गोपाल खेमका, विक्रम झा, और बालू कारोबारी की हत्याओं, साथ ही Union Minister चिराग पासवान को मिली धमकी से यह स्पष्ट है कि अपराधी बेखौफ हो चुके हैं.
वर्मा ने बिहार में यूपी मॉडल लागू करने की वकालत की, जिसमें अपराधियों में भय पैदा करना आवश्यक है. उनका तर्क है कि जब तक प्रशासन और Police सख्ती नहीं दिखाएंगे, कानून-व्यवस्था में सुधार मुश्किल है. इसके अभाव में उद्योगपति बिहार में निवेश से हिचकेंगे, जिससे प्रदेश का विकास प्रभावित होगा.
उन्होंने कहा कि बिहार Government और प्रशासन को कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि जनता का विश्वास बहाल हो और प्रदेश में निवेश का माहौल बने.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों से अपराध का रिकॉर्ड निकाला जाए तो सभी हैरान हो जाएंगे. जरूरी है कि कानून-व्यवस्था पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाए.
इंडी अलायंस पर तंज कसते हुए लोजपा सांसद ने कहा कि पप्पू यादव को बिहार बंद के मंच से अलग रखा गया, ताकि वह “बिहार का चेहरा” न बन जाएं. इसी तरह से बिहार का कोई युवा बिहार का चेहरा न बन जाए. कन्हैया कुमार को भी अलग रखा गया. यह दिखाता है कि इंडी अलायंस एकजुट नहीं है, बस स्वार्थ की पूर्ति के लिए एक साथ हैं. तेजस्वी यादव का परिवार चाहता है कि कैसे भी सत्ता में वापसी की जाए. इसके अलावा इंडी अलायंस का कोई मकसद नहीं है. जहां तक बात है वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की तो चुनाव आयोग अपना काम कर रहा है. आरोप-प्रत्यारोप करना विपक्षी दलों की पुरानी आदत है.
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डीकेएम/एबीएम