राजेश धर्माणी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय बजट पर दी कड़ी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली, 1 फरवरी . हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

राजेश धर्माणी ने शनिवार को बिलासपुर में खंड विकास अधिकारी कार्यालय घुमारवीं में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इसके बाद तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवीं बार देश का बजट पेश किया है, मगर इस वर्ष 2025-26 के बजट में भी हिमाचल प्रदेश की अनदेखी ही देखने को मिली है.

उन्होंने कहा कि बिहार में आने वाले समय में चुनाव होने हैं. राज्य की स्थानीय पार्टी के सहारे ही केंद्र सरकार टिकी हुई है, इसलिए उन्हें खुश करने व बिहार में चुनावी लाभ लेने के लिए बजट में प्रदेश के लिए घोषणाएं की गई हैं.

राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को बजट से बड़ी उम्मीदें थीं. जैसलमेर में जैसे प्री बजट कंसल्टेशन के दौरान विभिन्न राज्यों से सुझाव मांगे थे. हिमाचल प्रदेश की ओर से भी सुझाव रखे गए थे. हमने उनसे अनुरोध किया था कि अन्य राज्यों की तर्ज पर भानुपल्ली से बिलासपुर बेरी रेलवे लाइन निर्माण कार्य को पूरी तरह से केंद्र सरकार अपने खर्चे पर बनाए, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 10 प्रतिशत प्रदेश के योगदान को भी केंद्र सरकार वहन करे और पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से कांगड़ा एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण का वित्तीय बोझ केंद्र सरकार वहन करें, मगर इन सभी सुझावों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

वहीं, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा शनिवार को रोहतक में जाट कॉलेज में आयोजित चौधरी छोटूराम की जयंती समारोह में शिरकत करने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इनकम टैक्स में थोड़ी राहत दी गई है, उसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन 12 लाख की आमदनी वाले लोगों की कितनी संख्या है. इस बजट में गरीब आदमी के लिए कुछ भी नहीं रखा गया है. अन्य टैक्सों में भी राहत दी जानी चाहिए थी और जीएसटी को भी काम किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया.

उन्होंने आगे कहा कि निवेश को लेकर भी बजट में कोई जिक्र नहीं है. यह बजट बेरोजगारी को बढ़ावा देने वाला बजट है. इसमें महंगाई को कम करने के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है. किसानों के लिए भी इस बजट में न तो कर्ज माफी की बात हुई और न ही फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी का कोई जिक्र किया गया है. पूरे बजट में हरियाणा के नाम तक का जिक्र नहीं हुआ. हरियाणा को बजट में कुछ नहीं दिया. बजट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बजट आने के बाद निफ्टी और सेंसेक्स में तेजी से गिरावट आई. जिससे यह तय होता है कि यह बजट आम जनता के लिए नहीं, कुछ चंद लोगों के लिए बनाया गया है.

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