टोंक, 14 नवंबर . राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने का मामला गर्माता जा रहा है. भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ ने इसे लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश बताया.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि चुनाव कराने वाले पदाधिकारी पर अगर किसी प्रकार का ऐतराज भी है तो कानून ने इसका प्रावधान कर रखा है, सीधा हिंसा पर उतर आना यह अच्छी परंपरा नहीं है. अगर उनको कोई परेशानी थी, तो चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करनी चाहिए थी. लेकिन एक रिटर्निंग ऑफिसर पर हमला मुझे याद है राजस्थान में इससे पहले कभी नहीं हुआ. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और आगे ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में संयम से काम लेना चाहिए था, जनता के बीच में जो जन प्रतिनिधि की बात करते हैं, उसकी मर्यादाएं भी हैं. अनुशासन और व्यवहार को लांघना कतई उचित नहीं है.
राजस्थान विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में एक दर्जन से ज्यादा लोग होंगे, पर अगर कोई ऐसा सोचे कि रॉबिन हुड बनकर जनता का रुख अपनी तरफ मोड़ लेगा, तो ऐसी संभावना नहीं है. एक बार क्षणिक उत्तेजना में आकर कुछ लोगों को अपने साथ शामिल किया जा सकता है, लेकिन अंत में इसका नुकसान ही नुकसान है. जिस राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसका भी नुकसान है और खुद के समर्थकों का भी नुकसान है. ये बात मैं कहीं से भी उचित नहीं मानता, जो कुछ भी हुआ, वो नहीं करना चाहिए था और उनको संयम बरतना चाहिए था.
भाजपा नेता ने आगे कहा कि आजकल डिजिटल इंडिया का जमाना है. सारी चीजें कैमरे में कैद होती है. ऐसे में यह घटना भी कैमरे में कैद है और बिना दुर्भावना के पूरी जांच होनी चाहिए.
बता दें कि राजस्थान की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव के दौरान कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने कथित तौर पर एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को थप्पड़ मार दिया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया.
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एससीएच/केआर