बिहार में राजभरों का वोट बैंक के रूप में होता रहा इस्तेमाल : ओपी राजभर

नवादा, 27 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पार्टी के 22वें स्थापना दिवस के अवसर पर महिला जागरूकता महारैली में सीतामढ़ी मैदान में बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी बात रखी.

राजभर ने कहा, “बिहार में बड़ी संख्या में राजभर, रजवार, राजवंशी, राजघोष जाति के लोग रहते हैं. लेकिन, बिहार की राजनीति में इनका कोई अस्तित्व नहीं है, जबकि बिहार की राजनीति में इनके वोट का इस्तेमाल सिर्फ बहकाकर सत्ता प्राप्त करने के लिए होता रहा. लेकिन अब इन जातियों को कोई नहीं बहका सकता है. इनकी लड़ाई सुभासपा लड़ेगी.”

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित-वंचितों की आवाज बन चुकी सुभासपा अब पूरे बिहार प्रदेश में पैर जमाने जा रही है. बिहार की इस पवित्र भूमि पर पार्टी अपना 22वां स्थापना दिवस मना रही है.

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समाज में पूर्ण रूप से शराबबंदी जरूरी है. शराबबंदी से ही गरीबों का कल्याण होगा लेकिन बिहार में शराबबंदी के नाम पर गांव-गांव शराब बिकवाई जा रही है. शराब से आए दिन मौत हो रही है. शराबबंदी पूरे देश में होनी चाहिए, तभी गरीब को न्याय, सम्मान मिल सकेगा. घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से निजात दिलाने के लिए पूरे देश में पूर्ण शराबबंदी जरूरी है. जब तक शराबबंद नहीं होगी, तब तक गरीबों का कल्याण नहीं होगा.

कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सुभासपा शुरू से ही महिलाओं के हक, अधिकार, मान-सम्मान के लिए अनवरत लड़ रही है. पार्टी की प्रदेश में जो पहचान बनी है, उसमें आधी आबादी का महत्वपूर्ण योगदान है.

उन्होंने कहा कि माताओं-बहनों का सबसे अधिक आशीर्वाद और सहयोग उन्हें मिल रहा है. पार्टी ने जब भी सामाजिक मुद्दों पर बड़े आंदोलन किए, तब पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया.

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि पार्टी अब अपना विस्तार महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक करने जा रही है. उत्तर प्रदेश के बाहर इन राज्यों में भी पार्टी को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है. सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि लोगों के समझ में आना चाहिए कि 50 फीसदी आबादी महिलाओं की है तो उन्हें 50 फीसदी हिस्सेदारी भी मिलनी चाहिए. यही ललकारने के लिए यह कार्यक्रम किया है.

एसएचके/एकेजे