जयपुर, 6 जनवरी . राजस्थान हाईकोर्ट में सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 से संबंधित मामले में सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले में ट्रेनी एसआई को जिलों में भेजने से संबंधित आदेश की बात उठी थी. फिलहाल, इस मामले में हाईकोर्ट ने अपने आदेश पर स्टे जारी रखने का फैसला किया है. इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस आदेश का पूरी तरह से पालन किया जाए.
यह पूरा मामला राजस्थान पुलिस मुख्यालय के उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें ट्रेनी एसआई को फील्ड ट्रेनिंग के लिए जिलों में भेजने का निर्देश दिया गया था. इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने अपना आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रेनी एसआई को फील्ड ट्रेनिंग पर भेजने के आदेश के खिलाफ स्टे का पालन किया जाए और किसी भी प्रकार के बदलाव को रोकने के निर्देश दिए. जस्टिस समीर जैन ने कहा कि यथा स्थिति बनाए रखी जाए, ट्रेनी एसआई को जहां रखा गया है, वहीं बने रहें और किसी प्रकार की फेरबदल न की जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को दो दिन का समय दिया है, ताकि वह अपना जवाब दाखिल कर सके. इस मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई अब 9 जनवरी को निर्धारित की गई है. इस दिन याचिकाकर्ताओं की ओर से की गई स्टे एप्लीकेशन पर फिर से सुनवाई होगी.
राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट हरेंद्र नील ने इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए को बताया कि हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को इस भर्ती प्रक्रिया में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस आदेश की पालन नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि कोर्ट में यह मामला उठाया गया था और हमने यह भी कहा कि तमाम एजेंसियां यह कह चुकी हैं कि भर्ती रद्द होनी चाहिए. एसओसी, पुलिस मुख्यालय, एजी साहब और यहां तक कि कैबिनेट मंत्रियों ने भी इस पर अपनी राय दी है, लेकिन फिर भी सरकार इस पर निर्णय नहीं ले रही है. एक तरफ तो सरकार इसमें निर्णय नहीं कर रही है और दूसरी तरफ उनको फिल्ड पोस्टिंग दी जा रही है. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से इसे अपनी अवमानना माना है.
उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए टिप्पणी की कि आदेश की अवमानना न हो, इसलिए यथास्थिति के आदेश का पूरी तरह से पालन किया जाए. कोर्ट ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी कि किसी प्रकार का परिवर्तन या फेरबदल नहीं किया जाए और जो स्थिति है, उसे वैसे ही रखा जाए. 9 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि सरकार द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन हो रहा है या नहीं. इस पूरे मामले में याचिकाकर्ताओं को उम्मीद है कि कोर्ट इस पर कड़ा कदम उठाएगी और सरकार को निर्देशित जारी करेगी कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन करे.
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पीएसके/जीकेटी