जयपुर, 14 फरवरी . राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की एक याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में राज्य सरकार से स्कूलों में सूर्य नमस्कार लागू करने के अपने आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने कहा, ”मुस्लिम फोरम कोई पंजीकृत संस्था नहीं है. कोई संगठन हाईकोर्ट में तभी याचिका दायर कर सकता है जब वह पंजीकृत हो या व्यक्तिगत रूप से याचिका दायर की जा सकती है.”
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की ओर से भी एक अलग याचिका दायर की गई है. कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका पर 20 फरवरी को सुनवाई होगी.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका में कहा गया है कि स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम असंवैधानिक है और यह संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन करता है.
याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 25 के तहत हर एक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है. सरकार का यह आदेश व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है. इसे रद्द किया जाना चाहिए, या इसे अनिवार्य रूप से लागू नहीं किया जाना चाहिए और वैकल्पिक रखा जाना चाहिए.
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि उन्हें इन याचिकाओं की जानकारी नहीं है. सूर्य नमस्कार कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है. दुनिया के कई देशों ने इसे स्वीकार कर लिया है. 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है. सूर्य नमस्कार एक प्रकार का योग है. इसमें सभी प्रकार के योग शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के आदेश सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू होंगे. स्कूल आने वाले हर व्यक्ति को सूर्य नमस्कार करना होगा.
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