दिल्ली में बारिश ने खोली सरकार के दावों की पोल, कई जगह सड़कें जलमग्न

नई दिल्ली, 15 जुलाई . देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह झमाझम बारिश हुई. थोड़ी देर की बारिश में ही दिल्ली पानी से लबालब भर गई. दिल्ली यूनिवर्सिटी इलाके में जलभराव की स्थिति से लोग जूझते दिखे. छात्रों और दफ्तर खासी मशक्कत करते दिखे. लोगों ने कहा कि इसके जिम्मेदार दिल्ली की सरकार है.

दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जलभराव की समस्या को लेकर दिल्ली सरकार और एमसीडी के दावों पर सवाल उठाए. छात्रा भूमिका ने कहा कि मामूली बारिश के कारण दिल्ली यूनिवर्सिटी के आसपास के इलाकों में जलभराव हो जाता है. इस वजह से कॉलेज आने वाले छात्रों को परेशानी उठानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि ये सरकार की नाकामी है, जो इस समस्या को नहीं सुलझा पा रही है.

एक अन्य छात्रा दीक्षा ने कहा, “जलभराव की स्थिति का हाल हर साल ऐसा ही रहता है. सरकार दावे करती है कि इसका समाधान निकाला जाएगा, लेकिन बारिश के बाद सरकार के दावों की पोल खुल जाती है. सरकार को जनता की समस्या की ओर ध्यान देना होगा.”

दफ्तर जा रहे सूरज ने बताया कि बारिश के कारण दिल्ली में जाम और जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है. इस वजह से उन्हें अपने ऑफिस में भी लेट से पहुंचना पड़ता है.

तो, स्थानीय निवासी सुरेंद्र डिका ने केजरीवाल सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “सरकार की ओर से दावे किए जाते हैं कि जनता को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना होगा लेकिन बारिश के कारण जलभराव जैसी समस्या सामने आ जाती है. केजरीवाल सरकार और एमसीडी दोनों ही जनता की नहीं सुन रहे हैं.”

जलभराव का सामना करते एक और शख्स ने बताया कि उन्हें अपने ऑफिस जाना है और बारिश की वजह से जाम की समस्या भी खड़ी हो गई है. अब उन्हें जाम और जलभराव की समस्या का सामना करते हुए आगे तक का सफर तय करना है.

इस मुद्दे को दिल्ली की मुख्य विपक्षी पार्टी बार बार उठाती रही है. 4-5 दिन पहले हुई बारिश के बाद भी स्थिति ऐसी ही थी. जिसके बाद दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था, “जल और पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज बार-बार मानसून की तैयारी पूरी होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन बारिश होते ही उनके दावों की पोल खुल जाती है. नाली की सफाई हुई, लेकिन गाद नहीं उठाया गया. इससे कुछ मिनटों की वर्षा में ही दिल्ली की सड़कें पानी में डूब गईं. लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में जमभराव की समस्या से जूझना पड़ा.”

एफएम/केआर