ट्रेन सुरक्षा बढ़ाने के लिए रेलवे करेगा एआई का इस्तेमाल, डीएफसीसीआईएल के साथ समझौता किया

New Delhi, 11 जुलाई . रेलवे की सेवा दक्षता में सुधार करने और रोलिंग स्टॉक के रखरखाव को स्वचालित करने के लिए भारतीय रेलवे (आईआर) ने मशीन विजन बेस्ड इंस्पेक्शन सिस्टम (एमवीआईएस) की स्थापना के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.

एमवीआईएस एक आधुनिक, एआई/एमएल-आधारित टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन है जो चलती ट्रेनों के अंडर-गियर की हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरों को कैप्चर करता है और स्वचालित रूप से किसी भी लटके हुए, ढीले या लापता घटकों का पता लगाता है. यह सिस्टम खराबी का पता लगाने पर त्वरित प्रतिक्रिया और कार्रवाई के लिए रियल टाइम के अलर्ट भेजता है.

एमओयू पर औपचारिक रूप से रेलवे बोर्ड के निदेशक (परियोजना एवं विकास) सुमित कुमार और डीएफसीसीआईएल के जीजीएम (मैकेनिकल) जवाहर लाल ने रेल भवन New Delhi में हस्ताक्षर किए.

एमओयू के अंतर्गत डीएफसीसीआईएल चार एमवीआई इकाइयों की खरीद, आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशन के लिए जिम्मेदार होगा. यह प्रणाली भारतीय रेलवे में पहली है. टेक्नोलॉजी के उपयोग से ट्रेन संचालन की सुरक्षा को बढ़ाने, मैनुअल निरीक्षण प्रयासों को कम करने और संभावित दुर्घटनाओं/सेवा व्यवधानों से बचने में मदद करने की उम्मीद है.

रेल मंत्रालय ने कहा, “यह पहल रेलवे इकोसिस्टम के लिए आधुनिक और इंटेलिजेंट सिस्टम को पेश करने के आईआर के व्यापक उद्देश्य के साथ भी संरेखित है. इस एमओयू पर हस्ताक्षर भविष्य के लिए तैयार रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में रेल सुरक्षा में डिजिटल परिवर्तन के लिए नई राह खोलेगी.”

इसके अतिरिक्त, भारतीय रेलवे इस वित्त वर्ष के अंत तक 50,000 से अधिक नौकरियां देने के लिए भी तेजी से काम कर रहा है. वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में रेलवे द्वारा 9,000 से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं.

रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) विभिन्न पदों को भरने के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान सक्रिय रूप से चला रहा है. नवंबर 2024 से आरआरबी ने सात विभिन्न भर्ती अधिसूचनाओं के लिए देश भर में 1.86 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों के लिए कंप्यूटर-आधारित परीक्षा ( ) आयोजित की है.

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