जाति जनगणना पर अड़े राहुल की कोशिशों को झटका? भूपेंद्र हुड्डा का बयान, ‘जात-पात की राजनीति पर कांग्रेस का यकीन नहीं’

चंडीगढ़, 23 मार्च . एक तरफ जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जाति जनगणना को लोकसभा चुनाव में सियासी मुद्दा बना रहे हैं, वहीं अब पार्टी के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के जाति जनगणना वाले बयान पर अपनी असहमति जताई है.

दरअसल हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस 36 बिरादरी की पार्टी है और वो कभी जात-पात की राजनीति नहीं करती है. कांग्रेस में जात-पात और जातिवादी मानसिकता की कोई जगह नहीं है. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा की राह पर चल पड़े हैं.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कई दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने के पत्रकारों के सवाल पर स्पष्ट किया कि 33 दलों द्वारा दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय जाकर ‘इंडिया’ गठबंधन को बाहर से समर्थन देने की पेशकश की गई है. जहां तक हरियाणा का सवाल है, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी या उसके प्रमुख राजकुमार सैनी का कांग्रेस में शामिल होने का सवाल ही नहीं है. न तो वह कांग्रेस में शामिल हुए और न ही कांग्रेस के सदस्य है. किसी गैर-कांग्रेसी नेता के कांग्रेस से चुनाव लड़ने की बात सिर्फ अफवाह है.

हुड्डा ने राज्य में भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री बदले जाने पर कहा कि सीएम का चेहरा बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि अब सरकार बदलने का वक्त आ गया है. यह बात उन्होंने विधानसभा में भी कही थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ लोकसभा चुनाव लड़ रही है, जिसके अच्छे नतीजे आएंगे. उसके बाद विधानसभा चुनाव के लिए भी पार्टी पूरी तरह तैयार है. जनता प्रदेश में बदलाव का मन बना चुकी है. इस बार कांग्रेस की सरकार बननी तय है. पार्टी की सरकार बनने के बाद किसानों को एमएसपी की गारंटी और कर्ज माफी का लाभ दिया जाएगा. साथ ही बुजुर्गों को छह हजार रुपये पेंशन, सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम और सभी परिवारों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी.

लोकसभा उम्मीदवारों के चयन पर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि होली के बाद स्क्रीनिंग कमेटी और सीईसी की बैठक होगी. उसके बाद जल्द ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जाएगी. उन्होंने भाजपा के जेजेपी से गठबंधन तोड़ने पर भी सवाल उठाए.

जातीय राजनीति को लेकर राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयानों में विरोधाभास साफ देखने को मिल रहा है. एक तरफ राहुल गांधी के बयानों से ऐसा लग रहा है कि वह पिछड़े और दलितों को अपनी राजनीति का हिस्सा बना रहे हैं. वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयानों की मानें तो कांग्रेस राजनीति में जात-पात जैसी चीजों पर भरोसा नहीं करती है.

एसके/एकेजे