मुंबई, 7 फरवरी . लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में धांधली का आरोप लगाया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनके आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि इन मुद्दों पर फिर से चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है.
देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस सांसद के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी का सवाल निराधार है और इसका कोई मतलब नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट में नामों को लेकर सभी आवश्यक जानकारी चुनाव आयोग द्वारा पहले ही दी जा चुकी है, और इस बारे में किसी भी प्रकार का अलग से स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता नहीं है.
उन्होंने कहा, “देखिए, वोटर कहां से आए, किसका नाम काटा गया, इन सभी सवालों का जवाब पहले ही चुनाव आयोग ने दिया है. इसलिए अब इन मुद्दों पर फिर से चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है. चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था है, और वह हर मुद्दे पर अपनी पारदर्शिता बनाए रखते हुए सभी सवालों का समाधान करता है.”
मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें अच्छी तरह से यह पता है कि 8 फरवरी को दिल्ली में होने वाले चुनाव परिणामों के बाद उनकी पार्टी का दिल्ली में कोई अस्तित्व नहीं रहेगा. वह इस समय चुनाव परिणाम के बाद के माहौल को लेकर अपनी बयान और रणनीति पर काम कर रहे हैं, ताकि अपनी पार्टी को खत्म होने से बचाने के लिए वह कोई नया नैरेटिव तैयार कर सकें.
दरअसल, राहुल गांधी ने कहा है कि पांच साल में जितने मतदाता महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में जोड़े गए, उससे ज्यादा मतदाता सिर्फ पांच महीने में जोड़ दिए गए हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 से लेकर लोकसभा चुनाव 2024 के बीच महाराष्ट्र में 32 लाख मतदाता बढ़े.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के बीच पांच महीने में 39 लाख मतदाता बढ़ गए. मतलब, हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं के बराबर की आबादी महाराष्ट्र में पांच महीने में जोड़ दी गई. ऐसे में सवाल है, जोड़े गए ये मतदाता कौन हैं और कहां से आए. महाराष्ट्र की व्यस्क जनसंख्या 9.54 करोड़ है, लेकिन चुनाव आयोग के मुताबिक महाराष्ट्र में 9.70 करोड़ मतदाता हैं. मतलब, चुनाव आयोग के मुताबिक महाराष्ट्र में जनसंख्या से ज्यादा मतदाता हैं.
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एकेएस/एकेजे