राहुल गांधी के पास ‘हाइड्रोजन बम’ नहीं फुस्‍सी बम होगा : कृष्णा हेगड़े

Mumbai , 2 सितंबर . Lok Sabha में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ वाले बयान पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने पलटवार किया. उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी के पास ‘हाइड्रोजन बम’ नहीं फुस्‍सी बम होगा.

शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने से बातचीत के दौरान कहा कि राहुल गांधी के पास कोई परमाणु बम नहीं है, कोई हाइड्रोजन बम नहीं है, चुनाव आयोग अपना काम सही ढंग से कर रहा है. राहुल गांधी ने Maharashtra इलेक्शन के दौरान जो डाटा दिया था, सर्वे करने वाली एजेंसी ने कहा कि वह डाटा गलत है. राहुल गांधी का जो पहले वाला ‘एटम बम’ बताया गया था, वह पिछले साल दीपावली का फुस्सी बम निकला. अब राहुल गांधी ‘हाइड्रोजन बम’ बता रहे हैं, वह भी फुस्‍सी बम ही होगा.

कृष्णा हेगड़े ने मराठा आरक्षण आंदोलन पर कहा कि मराठा भाई-बहनों के लिए हमारी Government ने लाखों कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए हैं. जस्टिस शिंदे समिति भी बनाई गई. इसके अलावा, शिक्षा और Governmentी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. हमारी Government जितना काम पहले किसी Government ने नहीं किया. हमारे राज्य में कई प्रमुख मराठा नेता Chief Minister और नेता विपक्ष रहे, लेकिन किसी ने भी मराठा समुदाय के लिए कुछ नहीं किया.

हेगड़े ने कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस नेता शशि थरूर जब भी देश की प्रगति और उन्नति के लिए बोलते हैं, कांग्रेस पार्टी उन्हें नजरअंदाज कर देती है. Prime Minister द्वारा भेजे गए वैश्विक डेलिगेशन का नेतृत्व थरूर ने किया था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें समर्थन नहीं दिया. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति देश के लिए अच्छा बोलता है या अच्छे कार्य करता है, उसमें कुछ गलत नहीं है. कांग्रेस में जो Prime Minister या उनके परिवार को गाली देता है, उसी को महत्व और ऊंचा स्थान मिलता है. शशि थरूर सच्चे, अच्छे और सभ्य इंसान हैं, जो सच ही बोलते हैं.

हेगड़े ने कहा कि इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट के तहत India में आने वाले विदेशी नागरिकों की स्क्रूटनी की जाएगी और जो भी डाटा देना है, वह उन्हें देना पड़ेगा. पहले भी विदेशी नागरिक डेटा देते आ रहे हैं, लेकिन अगर कोई नागरिक डेटा देने से इनकार करता है या गलत डेटा देता है, तो उसे डिपोर्ट यानी उसके देश वापस भेज दिया जाएगा. उसके अधिकार उसके खुद के देश के दूतावास के साथ जुड़े होंगे और दूतावास को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.

एएसएच/एबीएम