पटना, 7 अप्रैल . बिहार के बेगूसराय में आयोजित पलायन रोक पदयात्रा में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल हुए. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने हाथ उठाकर अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया. यात्रा में हजारों छात्र और युवा शामिल थे, जो विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं, खासकर पेपर लीक और नौकरी के अवसरों की कमी से. एनएसयूआई के नेशनल प्रेसिडेंट वरुण चौधरी ने राहुल गांधी के इस दौरे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राहुल गांधी ने छात्रों और युवाओं के दर्द को समझा और उनकी समस्याओं को उठाने का काम किया.
वरुण चौधरी ने कहा, “आज राहुल गांधी ने यहां आकर छात्रों और युवाओं का दर्द समझा. उनका दर्द महसूस कर उन्होंने उन्हें समर्थन देने का काम किया. यह यात्रा 23वें दिन में प्रवेश कर चुकी है और इस यात्रा में शामिल छात्र अपनी समस्याओं का समाधान मांग रहे हैं. खासकर अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में भर्ती की करीब डेढ़ से दो लाख भर्तियां रद्द हो गईं, जिससे युवा वर्ग में गुस्सा है.” उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए, जिनकी मुख्य मांगें पेपर लीक और रोजगार की समस्याओं को लेकर थीं.
वरुण चौधरी ने कहा, “हजारों छात्रों ने आज यात्रा में भाग लिया और राहुल गांधी के आने से उनमें नई उम्मीद जागी है. वे यह उम्मीद लेकर आए थे कि राहुल गांधी उनके मुद्दे को मजबूती से उठाएंगे और सरकार पर दबाव बनाएंगे.” उन्होंने कहा कि बिहार और केंद्र सरकार से छात्रों की उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं, और इस मुद्दे को गंभीरता से लेना जरूरी है.
इस दौरान विपक्ष ने राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर सवाल उठाए, यह आरोप लगाया कि यात्रा केवल आधे घंटे तक ही चली और एक किलोमीटर से अधिक नहीं बढ़ पाई. वरुण चौधरी ने इसका जवाब देते हुए कहा, “राहुल गांधी का कार्यक्रम था, जिसके तहत उन्हें पटना लौटना था. उन्होंने यात्रा में भाग लिया और छात्रों के दर्द को समझा, फिर अन्य कार्यक्रम के लिए पटना वापस लौटे.”
जब उनसे यह पूछा गया कि विधानसभा चुनाव में युवाओं का मुद्दा कांग्रेस के लिए कितना महत्वपूर्ण है, तो वरुण चौधरी ने कहा, “यह चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह छात्रों और युवाओं का दर्द है, जिसे समझने की जरूरत है. पूरे देश में छात्रों और युवाओं का दर्द चुनावों से कहीं बड़ा है.” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के युवा और छात्र हताश हैं, और राहुल गांधी के इस दौरे से उन्हें एक नई उम्मीद मिली है कि अब उनकी आवाज सरकार तक पहुंचेगी.
वरुण चौधरी ने अंत में कहा, “बिहार के छात्रों और युवाओं की समस्याओं को समझना और उनका समाधान करना जरूरी है. भारत सबसे युवा देश है, और यहां के छात्रों और युवाओं का दर्द सुनना और उनके लिए समाधान देना सरकार की जिम्मेदारी है. राहुल गांधी के आने से छात्रों को विश्वास मिला है कि अब उनके मुद्दे सुने जाएंगे और सरकार को इस पर काम करना पड़ेगा.”
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